पारस को ढहाने में प्राधिकरण के निकले पसीने, एक हजार टन निकला लोहा

रामा बैंकेंटहाल के पीछे पारस का निर्माण किया जा रहा था। जिसे आज ढहा दिया गया। रामा बैंकेटहाल भी अवैध है। दोनों वैंकटहाल मिलाकर करीब 8950 वर्गमीटर जमीन पर बने है।

Update: 2019-08-19 15:04 GMT

नोएडा: नोएडा प्राधिकरण ने अवैध निर्माण को सोमवार को बड़ी कार्यवाही की। सेक्टर-110 गेझा रोड पर बने अवैध बैंकेटहाल को ढहा दिया गया। यह हाल 3 हजार 500 वर्गमीटर जमीन पर बना था।

जमीन की कीमत करीब 55 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। इस मामले में बैंकेट हाल मालिक विकास गर्ग पुत्र सुरेश गर्ग के नाम तीन अगस्त को मुकदमा दर्ज कराया गया था।

देरशाम तक जमीन से मलबा हटाने का काम जारी था। मंगलवार को इसी रोड पर आगे की तरफ बने रामा बैंकेट हॉल को भी ढहाया जाएगा।

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बताया गया कि इस बैंकेटहॉल प्राधिकरण में रहे कई अधिकारियों का पैसा लगा है।

इसकी जांच की जा रही है। बहरहाल अवैध निर्माण को प्राधिकरण का यह कदम काफी सख्त है। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि गेझा रोड पर सेक्टर-110 खसरा नंबर 353 रामा बैंकेटहॉल के पीछे निर्माणाधीन पारस बैंकेटहाल बनाया जा रहा था।

यह हाल विवेक गर्ग का है। इनके खिलाफ प्राधिकरण पहले ही मुकदमा दर्ज करवा चुकी है। इसका मुख्य द्वार बेगमपुर रोड व सेक्टर-82 में 45 मीटर रोड पर है।

1995 में नोएडा प्राधिकरण ने किया था जमीन का अधिग्रहण

ओएसडी एमपी सिंह ने बताया कि 1995 में इस जमीन का अधिग्रहण नोएडा प्राधिकरण ने किया था। इसके बाद अधिकारियों से साठगाठ कर इन लोगों ने इस जमीन का फर्जी बैनामा किया।

और जमीन अपने नाम करवा ली। हालांकि प्राधिकरण में जमा दस्तावेजों में यह जमीन प्राधिकरण के विकासीय कार्यो के लिए थी।

ऐसे में सोमवार को भारी पुलिस बल के साथ प्राधिकरण की टीम पहुंची। टीम ने अवैध निर्माण को ढहाने का काम शुरू किया। बताया गया कि इस हाल में इतना लोहा प्रयोग किया कि इसे जेसीबी से नहीं हटाया जा सका।

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ऐसे में गैस कटर की मदद से इसे गिराने का काम किया गया। बैंकेटहाल की दीवारो , इंटीरियर और बाहरी काम में करीब 1 हजार टन लोहे का प्रयोग किया गया था।

जिसको ढहाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। गैस कटर की मदद से इसको ढहाया गया। मलबा हटाने का काम जारी रहे। करीब 20 ट्रक माल निकाला चुका है। मलबा साफ करने का काम रातभर चलेगा।

रामा बैंकेटहाल बनाने में हुआ बड़ा घोटाला

रामा बैंकेंटहाल के पीछे पारस का निर्माण किया जा रहा था। जिसे आज ढहा दिया गया। रामा बैंकेटहाल भी अवैध है। दोनों वैंकटहाल मिलाकर करीब 8950 वर्गमीटर जमीन पर बने है।

इस जमीन का 1995 में अधिग्रहण किया जा चुका है। इस पूरी जमीन की कीमत करीब 100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इस बैंकेट हाल को ढहाया जाएगा।

बताया गया कि रामा के मालिक ने जब प्राधिकरण को जमीन से जुड़े कागज दिखाए तो चौकाने वाला मामला समाने आया। यह जमीन प्राधिकरण के पूर्व कर्मचारी ब्रजपाल चौधरी के नाम थी।

जिसे लीज पर रामा बैंकेटहाल मालिक अमरजीत सिंह को दिया गया था। यह लीज फर्जी तरीके से की गई थी। बता दें यह वहीं ब्रजपाल है जिन पर हाल ही में आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा था।

दो और कर्मचारियों के नाम सामने आए है

इसमे प्राधिकरण के कई और कर्मचारी भी शामिल है। प्राधिकरण स्तर पर इन सभी कर्मचारियों की जांच की जा रही है। हालांकि ब्रजपाल के अलावा जिन दो और कर्मचारियों के नाम सामने आए है वह दोनों भी प्राधिकरण से रिटायर हो चुके है।

एमपी सिंह, विशेषाकार्यधिकारी, नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक दोनों ही बैंकेटहाल प्राधिकरण की अधिग्रहीत जमीन पर बने है। इनका बैनामा भी फर्जी तरीके से किया गया है।

इसके प्राधिकरण कर्मचारियों की संलिप्पता सामने आई है। जिनकी जांच की जा रही है। मलबा हटाने का काम जारी है। रामा बैंकेट हाल खाली होने के बाद इसको भी ढहा दिया जाएगा।

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