प्राधिकरण की बड़ी जीत, करोड़ों का क्लेम करने वाली इस कंपनी को झटका

जिस पर प्राधिकरण ने कंपनी को 9 नवंबर 2011 को भुगतान कर उक्त कार्य पूरा करवाया गया। साथ ही 15 जुलाई 2014 को कंपनी का पूर्ण भुगतान भी कर दिया गया।

Update: 2020-06-18 14:17 GMT

नोएडा: प्राधिकरण पर 2.92 करोड़ का क्लेम करने वाली कंपनी को उच्च न्यायालय से झटका लगा है। आर्बिट्रेटर ने 27 सुनवाई के बाद प्राधिकरण के पक्ष में फैसला लेते हुए क्लेम को खारिज कर दिया। इस केस में वर्क सर्किल-9 की ओर से पैरवी की गई थी। इससे पहले भी प्राधिकरण दो केस जीत चुका है।

कंपनी ने प्राधिकरण पर फ़ाइल किया 2.92 करोड़ रुपए का क्लेम

दरअसल, 2007 में सेक्टर-135 में 350 नग एचआईजी डयूप्लेक्स भवनों का निर्माण के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ अनुबंध किया गया था। इसमे जिसमे 30 नग एचआईजी डयूप्लेक्स भवनों का निर्माण के लिए अनुबंध बीसीसी डेवलपर्स एंड प्रमोटर्स प्रा.लि. के साथ हुआ। यह अनुबंध 7 करोड़ 43 लाख 27 हजार 179 रुपए का किया गया। यह कार्य 14 नवंबर 2006 से शुरू होकर 13 फरवरी 2008 में पूरा होना था। लेकिन संविदाकार के द्वारा यह कार्य 31 नवंबर 2008 को पूरा किया गया। यही नहीं कंपनी द्वारा कई भवनों में मेंटेनेंस का कार्य नहीं किया गया।

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जिस पर प्राधिकरण ने कंपनी को 9 नवंबर 2011 को भुगतान कर उक्त कार्य पूरा करवाया गया। साथ ही 15 जुलाई 2014 को कंपनी का पूर्ण भुगतान भी कर दिया गया। बावजूद इसके कंपनी ने प्राधिकरण पर 2.92 करोड़ रुपए का क्लेम फाइल करते हुए उच्च न्यायालय में अर्बिट्रेटर नियुक्त करने की याचिका दायर की। आर्बिट्रेटर नियुक्त कर दिया गया। जनवरी 2019 में उक्त केस की सुनवाई शुरू की गई। इस केस में वर्क सर्किल-9 की ओर से पैरवी की गई। इस मामले में 27 के बाद प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया।

पहले दो मामलों में प्राधिकरण की हुई थी जीत

इससे पहले दो मामलों में भी प्राधिकरण की जीत हुई थी। इसमे पहला कॉमनवैल्थ गैम्स 2010 में नोएडा ग्रेटरनोएडा एक्सप्रेस-वे पर टाइम ट्रायल साइकिल प्रतियोगिता के आयोजन के संबंध में एम/एस सायन्र्जी स्पोर्टस मैनेजमेंट कंस्लटेंट ने प्राधिकरण पर 57 लाख रुपए का क्लेम किया था।

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अर्बिट्रेशन केस में प्राधिकरण की जीत हुई थी। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे के चैनेज 6.50 किमी पर निर्मित पुल के निर्माण कार्य में एनपीसीसीएल एवं मै. विलायती राम मित्तल के द्वारा प्राधिकरण के खिलाफ 1170.94 करोड़ का क्लेम किया था जिसमे प्राधिकरण की जीत हुई थी।

रिपोर्ट- दीपांकर जैन

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