नोएडा: 8 बिल्डरों ने की गड़बड़ी,निवेशकों के 840 करोड़ कहीं और निवेश किए

Update: 2018-02-14 06:14 GMT

नोएडा: यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट कराने पर आठ बिल्डरों की गड़बड़ी सामने आई है। इन बिल्डरों ने निवेशकों का 840 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट में न लगाकर कहीं और निवेश किए। प्राधिकरण ने ऐसे सभी बिल्डरों को नोटिस जारी कर 30 दिनों भीतर स्क्रो एकाउंट खोलकर डायवर्ट पैसा जमा करने को कहा है। 30 दिन के अंदर पैसा न जमा करने पर बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी होगा और पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।

इसके अलावा प्राधिकरण ने सभी 28 बिल्डरों को नोटिस जारी कर प्राधिकरण की बकाया राशि जमा करने को कहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बिल्डरों के प्रोजेक्ट का ऑडिट किसी एजेंसी से कराने के बजाय खुद कराया।

ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई गड़बड़ी

ऑडिट के लिए अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमरनाथ उपाध्याय की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने ऑडिट करने के बाद 12 फरवरी को इसकी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह को सौंप दी। ऑडिट में यह निकल कर आया है कि प्राधिकरण ने 28 बिल्डरों को भूखंड आवंटित किया था। जिसमें प्राधिकरण ने फ्लैट व भूखंड मिलाकर 33,694 यूनिट का नक्शा स्वीकृत किया था। जिसमें बिल्डरों ने 12,872 फ्लैट व भूखंड की बुकिंग की थी, जिसमें 11 बिल्डरों की गड़बड़ी ऑडिट रिपोर्ट में आई है। इन बिल्डरों ने निवेशक की गाढ़ी कमाई का पैसा प्रोजेक्ट में लगाने के बजाय अन्यत्र निवेश कर दिया। साथ ही, इन बिल्डरों ने प्राधिकरण की बकाया राशि भी अभी तक जमा नहीं कराई है। 28 बिल्डरों का प्राधिकरण का करीब 3,514 करोड़ रुपए बकाया है।

बिल्डर 30 दिनों में जमा कराएं पैसे

ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने निवेशकों का पैसा डायवर्ट करने वाले आठ बिल्डरों को नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही सभी 28 बिल्डरों को प्राधिकरण का बकाया राशि भी जमा करने के लिए नोटिस जारी किया है। यमुना एक्सप्रसे-वे औद्योगिक विकास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि निवेशकों का पैसा डायवर्ट करने वाले बिल्डर अगर 30 दिन के अंदर स्क्रो एकाउंट खुलवाकर पैसा जमा नहीं कराया तो उनके खिलाफ आरसी जारी किया जाएगा और पुलिस में भी मामला दर्ज होगा।

निवेशकों के पैसे गबन का आरोप

बता दें, कि 12,873 निवेशक अपनी जिंदगीभर की कमाई लगा चुके हैं। निवेशक रोज शासन और प्रशासन से घर दिलाने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। बिल्डरों पर लगातार निवेशकों के पैसों का गबन करने का आरोप लगा रहे हैं। जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिल्डरों के खातों की जांच कराने का निर्देश दिया था।

इन बिल्डरों ने किया पैसा डायवर्ट:

-एटीएम रियल्टी प्रालि, सेक्टर-22 डी, 120.75 करोड़

-मैसर्स लाजिक्स इंफ्राटेक प्रालि, सेक्टर-22डी, 37.84 करोड़

-मैसर्स ग्रीन-वे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि, सेक्टर-22डी, 173.10 करोड़

-ओसिस रियलटेक प्रालि, सेक्टर-22डी, 8 करोड़

-सनवर्ल्ड सिटी इंफ्रा डवलपर्स, सेक्टर-22डी, 27.55 करोड़

-एसडीएस इंफ्राकॉन प्रालि, सेक्टर-26ए, 182.44 करोड़

-थ्री सी हो स प्रालि, सेक्टर-22ए, 27.93 करोड़

-सुपरटेक टाउनषिप प्रोजेक्ट, सेक्टर-22डी, 262.82 करोड़।

Tags:    

Similar News