अब ऐसे होगी UP के कालेजों में पढ़ाई, परीक्षा के नियमों में भी हुआ बदलाव

कोरोना संकट के कारण इस वर्ष कई विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों में परीक्षाएं पूरी नहीं हो पायी हैं और इस संबंध में अभी भी सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं है...

Update:2020-07-17 21:48 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कोरोना संकट के कारण इस वर्ष कई विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों में परीक्षाएं पूरी नहीं हो पायी हैं और इस संबंध में अभी भी सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं है। इससे प्रदेश के 48 लाख से ज्यादा विद्यार्थी असंमजस में हैं। यह समस्या भविष्य में सामने न आए इसके लिए यूपी के उच्च शिक्षा विभाग ने नए नियमों और तौर तरीकों के साथ शैक्षिक सत्र 2020-21 का शैक्षिक कैलेंडर जारी किया है।

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इस शैक्षिक कैलेंडर में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया गया है। इसके लिए रूसा के सहयोग से विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों में स्मार्ट क्लास रूम बनाए जाएंगे।

ऑनलाइन कक्षाएं 4 अगस्त से होंगी शुरू

शैक्षिक कैलेंडर के मुताबिक ऑनलाइन कक्षाएं आगामी 4 अगस्त से शुरू होंगी। पहले 45 दिन सिर्फ ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी। विश्वविद्यालय ई-कंटेंट, वीडियो और लेक्चर को ओपन एक्सेस लिंक के साथ पाठ्यक्रमवार अपने वेबपोर्टल पर उपलब्ध कराएंगे जिससे संबद्ध कॉलेजों व विवि के अन्य विद्यार्थी उसे डाउनलोड कर सकें। इसके बाद अक्टूबर में कक्षाएं चालू की जायेंगी।

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कक्षा में न आने वाले स्टूडेंट्स भी कर सकेंगे पढ़ाई

कक्षाओं में सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए विषय विशेष के विद्यार्थियों की संख्या के मुताबिक उन्हे समूहों में बांटा जायेगा। इन विद्यार्थियों के समूहों को क्रमवार कक्षाओं में बुला कर ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान आने वाली समस्याओं का निवारण किया जायेगा और इन कक्षाओं का लाइव टेलीकास्ट भी किया जायेगा, जिससे जो विद्यार्थी कक्षा में न हो वह भी पढ़ाई कर सकें।

प्रायोगिक कक्षाएं भी ऑनलाइन चलेंगी

प्रायोगिक कक्षाएं भी ऑनलाइन ही चलेंगी। हालांकि जिन प्रयोगों के लिए आवश्यक होगा, उसके लिए विद्यार्थियों को प्रयोगशाला में बुलाया जायेगा। विद्यार्थियों की पढ़ाई का मूल्याकंन करने के लिए परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किए गए हैं।

परीक्षा के नियमों में भी हुआ बदलाव

अब यूपी के सभी विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में मासिक या त्रैमासिक परीक्षा, अर्धवार्षिक परीक्षा के साथ ही ट्यूटोरियल, असाइनमेंट्स और प्रोजेक्ट्स दिए जायेंगे। इन सभी गतिविधियों के आधार पर वार्षिक परीक्षा में 50 प्रतिशत अंकों का मूल्याकंन होगा और अगर किसी कारणवश वार्षिक परीक्षा नहीं हो पाती है तो इन्ही अंकों के आधार पर ही आगामी 15 जून 2021 तक वार्षिक परीक्षाफल घोषित किया जायेगा।

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