CM योगी के सख्त निर्देश: अधिकारी हो जाएँ अलर्ट, इन क्षेत्रों पर रखें कड़ी नजर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पश्चिमी इलाके में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए इस क्षेत्र में कोविड-19 जांच की सुविधाओं को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
लखनऊ: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पश्चिमी इलाके में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए इस क्षेत्र में कोविड-19 जांच की सुविधाओं को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। कोविड-19 को समय सीमा में नियंत्रित करने के लिए जरूरी है कि प्रभावित क्षेत्रों में अधिकाधिक संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जाए। प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, सहारनपुर में कोविड-19 की जांच की सुविधा स्थापित की जाए। प्रदेश के हर जनपद में समयबद्ध ढंग से कोविड-19 की जांच के लिए सैम्पल कलेक्शन सेन्टर स्थापित किए जाएं।
क्षेत्रों में आवागमन को पूरी सख्ती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना प्रभावित जनपदों के हाॅटस्पाट क्षेत्रों को चिन्हित कर उन्हें पूर्णतया सील किया जाए। इन क्षेत्रों में आवागमन को पूरी सख्ती से प्रतिबन्धित किया जाए। सील किए गए हाॅटस्पाट इलाकों में केवल मेडिकल, सेनिटाइजेशन टीमों एवं डोर स्टेप डिलीवरी से जुड़े व्यक्तियों को ही आवागमन की अनुमति दी जाए।
इन क्षेत्रों में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। हाॅटस्पाट क्षेत्रों में को सील करने की कार्यवाही को स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन एवं पुलिस द्वारा लागू कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे जनपद जहां कोविड-19 के संक्रमण के मामले संसूचित नहीं हुए हैं, वहां होम क्वारेन्टाइन अथवा संस्थागत क्वारेन्टाइन में रखे गए संदिग्ध मामलों की जांच कराकर संवेदनशील मामलों को आइसोलेट किया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के उपचार के लिए स्थापित लेवल-1 (एल-1), लेवल-2 (एल-2) व लेवल-3 (एल-3) अस्पतालों को और सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने एल-3 अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए।
उपचार के सम्बन्ध में ऐप विकसित
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से राज्य में ‘आरोग्य सेतु’ ऐप के डाउनलोड की जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि आयुष विभाग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व उपचार आदि के सम्बन्ध में ऐप विकसित किया जाए।
कोविड-19 के सम्बन्ध में संवेदनशील क्रियाकलापों से जुड़े कर्मियों हेतु पी0पी0ई0 किट व एन-95 मास्क आदि की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए।
बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि 9 अप्रैल, के मुकाबले आज 10 अप्रैल, को अब तक
मुख्यमंत्री ने टीम-11 की सभी कमेटियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समय के साथ सभी गतिविधियों को और इन्टेंसिव किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए। सभी को आवश्यक वस्तुएं सुलभ करायी जाएं। संस्थागत क्वारेन्टाइन की निर्धारित अवधि पूर्ण कर चुके व्यक्तियों को 14 दिन के होम क्वारेन्टाइन में भेजा जाए।
इन व्यक्तियों के लिए आवश्यक रूप से राशन की व्यवस्था की जाए। राशन वितरण के दौरान एवं बैंकों में सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।