कट्टे लेकर घूमते हैं नौजवान, इसलिए जनपद में नहीं है रोजगार: सांसद सत्यपाल सिंह
इससे पहले 2017 में केंद्रीय राज्यमंत्री के पद पर रहते हुए डा. सत्यपाल सिंह के एक बयान पर खूब हो हल्ला मचा था। उस वक्त सत्यपाल सिंह ने गंगा में अस्थि विसर्जन और जलसमाधि पर रोक लगाने का बयान दिया था।
लखनऊ: बागपत से बीजेपी सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने बेरोजगारी को लेकर बड़ा बयान दिया है। डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा है कि अभी भी युवाओं के हाथ में कट्टे यानी देसी तमंचे दिखाई देते हैं।
जो वह लेकर चलते हैं, और इसी कारण बाहर के उद्योगपति जनपद में नहीं आ पाते। जिस दिन देसी कट्टे लेकर घूमना बंद कर देंगे, उस दिन बेरोजगारी भी खत्म हो जाएगी और उद्योगपति आना शुरू होंगे।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने ये बातें के कार्यक्रम के दौरान कही हैं। बीजेपी नेता ने जिला कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जनपद में आज भी पढ़ने वाले बच्चों के हाथों में तमंचे हैं। जो वह लेकर चलते हैं और इसका असर यह होता है, कि उद्योगपति डर की वजह से यहां नहीं आ पाते।
जिस कारण रोजगार लोगों को नहीं मिलता और जिस दिन यह बंद हो जाएगा। उस दिन उद्योगपति भी आना शुरू हो कर देंगे।
हत्याओं से दहला यूपी: जमीन विवाद से परिवारों में मचा मातम, हुई सनसनीगेज वारदात
बच्चों को अच्छे संस्कार देने की जरूरत: सत्यपाल सिंह
उन्होंने कहा कि परिजनों, शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों को जनपद के बच्चों को अच्छे संस्कार देने की जरूरत है। जिससे वह ऐसी संगति में न आ पाए और जनपद में रोजगार स्थापित हो और बागपत बेरोजगारी के चंगुल से बाहर निकल सके।
2017 में दिए एक बयान पर खूब मचा था हल्ला
इससे पहले 2017 में केंद्रीय राज्यमंत्री के पद पर रहते हुए डा. सत्यपाल सिंह के एक बयान पर खूब हो हल्ला मचा था। उस वक्त सत्यपाल सिंह ने गंगा में अस्थि विसर्जन और जलसमाधि पर रोक लगाने का बयान दिया था।
इस पर संतों और पुरोहितों ने कहा था कि गंगा का आगमन ही अस्थि प्रवाह के लिए हुआ है। जहां तक मृत संतों को जलसमाधि के बजाय भूसमाधि की बात है तो जमीन देने की मांग अखाड़ा परिषद आठ वर्षों से करता आ रहा है, सभी सरकारों की घोर उपेक्षा के कारण जल समाधि चल रही है।
बाराबंकी के कुंवर दिव्यांश को PM मोदी करेंगे सम्मानित, ऐसे बचाई थी बहन की जान
गंगा में अस्थिप्रवाह कदापि नहीं रोका जाएगा। मंत्री के बयान के बाद कार्यक्रम में भाग ले रहे संतों ने इस पर तुरंत ही आपत्ति दर्ज कराई थी।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा था अस्थिप्रवाह गंगा में नहीं होगा तो फिर और कहां होगा। ऐसे बचकाने बयान कदापि स्वीकार और बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। मंत्री जैसे लोगों की यदि कोई व्यक्तिगत समस्याएं हैं तो वे पूरे हिंदू समाज पर नहीं थोप सकते।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर तैयार हो रही एयरस्ट्रिप, ऐसा पहला राज्य बना यूपी