Bulandshahr Crime News: मां-बेटी के हत्यारों को आजीवन कारावास, 60-60 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा

मां बेटी के हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा

Report :  Sandeep Tayal
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-09-27 15:00 GMT

क्राइम की डिजाइन तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Bulandshahr Crime News: एडीजे-5 बुलन्दशहर की न्यायधीश नीलम ढाका ने 5 साल पूर्व हुई मां-बेटी के 3 हत्यारोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 60-60 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। एडीजे 5 बुलंदशहर न्यायालय के सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी चंद्रभान सिंह ने बताया कि वर्ष-2016 में थाना जहांगीराबाद क्षेत्र के गांव जुगसाना कला निवासी रूपवती (45) व उसकी 8 वर्षीय पुत्री रश्मि की हत्या कर दी गयी थी और हत्यारों ने शवों को बोरे में बंद कर बीबीनगर थाना क्षेत्र के जगंल ग्राम वलीपुर नहर के पास सढला-अल्लीपुर में चंद्रवीर के गेहूं के खेत में फेंक दिया था।

मामले को लेकर मृतका के पति अमीचंद ने रोहताश पुत्र पतराम, दिनेश व जितेन्द्र उर्फ जीतू पुत्रगण वीर सिंह निवासीगण हींगवाडा थाना बीबीनगर पर विरुद्ध बीबीनगर थाने पर मुअसं-31/2016 धारा 302, 201 आईपीसी के तहत दर्ज कराया था। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि उक्त घटना को पुलिस द्वारा एक चुनौती के रूप में लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए जेल भेजा गया था। इस अभियोग को जनपद स्तर पर घटित जघन्य अपराधों की श्रेणी में चिहिन्त करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलन्दशहर के निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक नगर/नोडल अधिकारी मॉनीटरिंग सेल के निकट पर्यवेक्षण में अभियोग में मॉनिटरिंग सेल द्वारा न्यायालय में सशक्त, प्रभावी पैरवी की गयी।

एडीजीसी चंद्रभान सिंह ने बताया कि ऐडीजे-5 बुलन्दशहर के न्यायधीश ने प्रस्तुत सक्ष्यों, गवाहों के ब्यानों व दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद आज रोहताश पुत्र पतराम, दिनेश व जितेन्द्र उर्फ जीतू पुत्रगण वीरसिंह निवासीगण हींगवाडा थाना बीबीनगर को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 60-60 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

बीमार पति के बुलाने की बात कह घर से ले गया था

एडीजीसी चंद्रभान सिंह ने बताया कि 25 जनवरी, 2016 को रोहताश अमीचंद को बीमार बताकर उसकी पत्नी व पुत्री को अस्पताल लेकर जाने के बहाने घर से ले गया था, लेकिन उसके बाद वो लौटकर नहीं आयी। हालांकि अमीचंद ने दावा किया था कि रोहताश उसकी पत्नी पर बुरी नियत रखता था। बाद में सड़ी गली अवस्था में मां-बेटी के शव 1 मार्च, 2016 को बीबीनगर थाना क्षेत्र में एक बोरे में मिले थे।

टैटू से हुई थी शव की शिनाख्त

एडीजीसी चंद्रभान सिंह ने बताया कि बरामद शवों की पहले तो शिनाख्त नहीं हो सकी, मगर अपनी पत्नी व बेटी की तलाश में जुटा अमीचंद जब बीबीनगर थाने पहुँचा तो फोटो में पत्नी के हाथ पर बने सीता के रसोई के टैटू से शिनाख्त हो सकी थी। बाद में पुलिस ने साक्ष्य संकलित कर न्यायालय के समक्ष पेश किये थे।

Tags:    

Similar News