लीक से हटकर आंदोलन के लिए पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने बनाया ये खास प्लान
प्रदेश सरकार व यूपी पावर कार्पोरेशन ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। इसको देखते हुए शुक्रवार से आगामी 26 नवम्बर तक पूरे प्रदेश में सभी बिजली कम्पनियों के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियन्ता काली पट्टी बांधकर दो घण्टे अधिक काम करेंगे।
लखनऊ: यूपी पावर कार्पोरेशन कर्मचारियों की भविष्य निधि की करीब 26 अरब रुपये की रकम डूबोने वाली दीवान हाउसिंग फाइनेन्स लिमिटेड डीएचएफएल पर रिजर्व बैंग आफ इंडिया द्वारा प्रशासक तैनात करने के फरमान के बाद यूपी पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि शुक्रवार से पूरे प्रदेश में दलित व पिछड़े वर्ग के अभियन्ता काली पट्टी बांधकर करेंगे दो घण्टे अतिरिक्त काम करेंगे।
एसोसिएशन की प्रान्तीय कार्य समिति की गुरुवार को हुई एक बैठक में अब तक की पूरी कार्यवाही पर विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार से डीएचएफएल में फंसी रकम पर गारण्टी लेने की दिशा में सकारात्मक कदम अविलम्ब उठाने की मांग लम्बे समय से हो रही है।
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अभी तक प्रदेश सरकार व यूपी पावर कार्पोरेशन ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। इसको देखते हुए शुक्रवार से आगामी 26 नवम्बर तक पूरे प्रदेश में सभी बिजली कम्पनियों के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियन्ता काली पट्टी बांधकर दो घण्टे अधिक काम करेंगे।
एसोसिएशन का मानना है कि बिजली कर्मियों की इस लड़ाई के कारण उपभोक्ता सेवा में कोई व्यवधान न आये, राजस्व में कोई कमी न आये, जिससे एडवांस बिजली खरीद में कोई व्यवधान न उत्पन्न हो और साथ ही सभी कार्मिकों को नियमित वेतन मिलता रहे इसलिये उसका ध्यानाकर्षण आन्दोलन जनता विभाग व कार्मिकों के हित में होगा।
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27 नवम्बर को आन्दोलन के विकल्पों पर विचार
एसोसिएशन ने इस संबंध में एक नोटिस के जरिये प्रदेश सरकार व पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन को जानकारी भी दे दी है। एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि सरकार अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाये अन्यथा एसेासिएशन को 27 नवम्बर को अपने आन्दोलन के द्वितीय चरण में अन्य विकल्पों पर भी विचार करना पड़ेगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि हमें अपनी मांगों को पूरा कराने का लक्ष्य है और एसोसिएशन को ऐसी उम्मीद है कि सरकार जल्द ही कार्मिकों के हित में सकारात्मक कदम उठायेगी।
फिलहाल एसोसिएशन के सदस्य काली पट्टी बांधकर पूरे प्रदेश में अपना आन्दोलन लगातार जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर एसोसिएशन कार्य बहिष्कार का आन्दोलन करती तो बिजली विभाग का राजस्व प्रभावित होगा और बिजली कर्मियों को वेतन नहीं मिल पायेगा।
इसके साथ ही वर्तमान में एडवांस खर्च करके बिजली नहीं खरीद पायेंगे और 85 हजार करोड़ घाटे में जा रहा विभाग और अधिक घाटे की तरफ बढ़ेगा। इस सब बिन्दुओं पर विचार करने के बाद एसोसिएशन ने अपने आन्दोलन को अलग आन्दोलन का रूप दिया है।
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