Kaushambi News: अफसरों की चमचागिरी में लगे कर्मी, नहीं पहुंचते हैं कार्यालय फिर भी उन्हें दिया जा रहा वेतन

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में दर्जनों कर्मचारी अफसरों की चमचागिरी करके कार्यालय गए बिना ही वेतन ले रहे हैं।

Report :  Ansh Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-08-11 08:12 IST

कौशाम्बी:अफसरों की चमचागिरी में लगे कर्मी: कांसेप्ट इमेज- सोशल मीडिया

Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में एक तरफ़ दर्जनों कर्मचारी अफसरों की चमचागिरी करके कार्यालय गए बिना ही वेतन ले रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अफसरों का माफियाराज चल रहा है और योगी सरकार के कार्यकाल में एक अफसर को पांच कार्यालय का चार्ज मिला हुआ है। बता दें कि कौशाम्बी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यालय में तैनात 20 कर्मचारी बीते 2 वर्षों से कार्यालय नहीं पहुंचे हैं। यह 20 कर्मचारी अफ़सर की सेवा भगत में लगे हैं।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यालय में तैनात अफसर भी 2 वर्षों से कार्यालय नहीं आए हैं। लेकिन प्रत्येक महीने सभी का वेतन जारी हो जाता है। आखिर कार्यालय से गायब रहने वाले इन अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन जारी होने के बाद इनके इस कारनामे को कब शासन-प्रशासन संज्ञान लेकर इन पर कार्यवाही कराएगा।

योगी सरकार ने सरकारी कार्यालय को निर्माण कराने में करोड़ों की रकम खर्च की है। लेकिन सरकारी कार्यालय अफसर के घर से 2 वर्षों से चल रहा है इस बात की भनक सीडीओ डीएम को भी नहीं है लागभग 22 कर्मचारियों अधिकारियों का यहां स्टाफ तैनात है जिनका वेतन कौशांबी से दिया जा रहा है लेकिन एक चपरासी एक कर्मचारी के अलावा अन्य 20 अधिकारी कर्मचारी इंजीनियर कौशांबी में बीते दो वर्ष से कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं

अधिकारी की चमचागिरी में अवर अभियंता, सहायक अभियंता कर्मचारी कौशांबी छोड़कर लगे हैं। अधिषासी अभियंता इलाहाबाद में रहते हैं और कौशांबी के सभी कर्मचारियों को वहीं बुला लेते हैं। कौशांबी का कार्यालय वीरान पड़ा है। सूत्रों की माने तो कौशांबी कार्यालय के समस्त अभिलेख कौशांबी से अफसर इलाहाबाद उठा ले गए हैं जिससे यहां से अभिलेख गायब है। अधिशासी अभियंता का यह कारनामा बेहद खराब है।

कार्यालय बंद करके दूसरे जनपद से कार्यालय चलाने वाले अधिषासी अभियंता और कर्मचारियों के कारनामों को संज्ञान लेते हुए इन पर कठोर कार्यवाही यह जाने की अब जनता मांग कर रही है जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आम जनता ने मांग की है कि जब तक कौशांबी में यह कार्यालय स्थापित ना हो जाए तब तक इन अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगाए जाने का निर्देश जारी किया जाए और 2 वर्षों से कार्यालय छोड़कर गायब रहने वाले 20 कर्मचारियों अधिकारियों के वेतन की रिकवरी कराई जाए।

अफसरों का माफिया अधिशासी अभियंता, योगी सरकार के कार्यकाल में एक अफसर को मिला पांच कार्यालय का चार्ज, कैसे संभले विभाग

कौशांबी लघु सिंचाई कार्यालय की व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। इस कार्यालय के सहायक अभियंता सुवेन्द्र कुमार गंगवार के पास कौशांबी के साथ-साथ प्रयागराज प्रतापगढ़ फतेहपुर जनपद के लधु सिचाई में सहायक अभियंता का भी दायित्व है। इतना ही नहीं लघु सिंचाई के प्रयागराज मंडल के अधिशासी अभियंता के कार्यालय को संभालने की जिम्मेदारी भी इन्हीं को मिली है। पांच कार्यालयों की जिम्मेदारी मिलने के चलते यह किसी कार्यालय को नहीं संभाल पा रहे हैं।

पांच कार्यालयों के संबंधित लिपिक इनके आगे पीछे पत्रावली लेकर घूमते रहते हैं लेकिन उसके बाद भी किसी जिले का कार्यालय योगी की मंशा के अनुरूप नहीं चल रहा है सरकारी योजनाओं के केवल आंकड़े बाजी का खेल हो रही है नीचे से लेकर ऊपर तक यह अफसर कुंडली मार कर बैठा है। जिससे अफसर से माफिया बन चुके इस अधिकारी की शिकायत के बाद जांच भी लीपापोती कर निस्तारित कर दी जाती है।

बीते 2 वर्षों से कौशांबी का लघु सिंचाई कार्यालय पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। यहां किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है। विभाग में दलाल और कर्मचारी हावी हैं। आखिर लघु सिंचाई विभाग की चौपट हो चुकी व्यवस्था के बाबत कब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संज्ञान लेकर जिले की व्यवस्था को सुधार करेंगे चौपट हो चुकी ब्यवस्था की ओर मुख्य विकास अधिकारी जिला विकास अधिकारी और जिला अधिकारी ने भी संज्ञान लेकर अभी तक शासन को अवगत कराते हुए सहायक अभियंता की तैनाती की मांग नहीं की है जिससे आम जनता किसान परेशान हैं।

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