Lucknow News: बाबा के बुलडोजर का डर, मुख़्तार के करीबी रईस आलम ने खुद अवैध निर्माण को ढहाया

Demolition Drive In Lucknow: यूपी में बाबा के बुलडोजर का खौफ इतना ज्यादा हो चला है कि अब खुद गुंडे माफिया अपने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने में जुट गए हैं।

Published By :  Shreya
Update: 2022-05-10 12:58 GMT

(फोटो- न्यूजट्रैक)

Lucknow Demolition Drive: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान बाबा के बुलडोजर को लेकर खूब राजनीति हुई। दूसरी बार सत्ता में आने के बाद वही बुलडोजर गुंडे, माफिया की संपत्तियों पर कहर बरपा रहा है। बुलडोजर का डर इस कदर है कि सालों से अवैध निर्माण कराकर प्राधिकरण को धता बताने वाले लोग अब खुद ही मजदूर लगाकर उसे तोड़ने लगे हैं। एक ऐसा ही मामला राजधानी के लालबाग (Lalbagh) स्थित एलडीए कार्यालय (LDA Office) से सटी हुई इमारत में देखने को मिला है। एलडीए और सेवायोजन के दफ्तर से सटी इस बिल्डिंग को काफी पहले बनाया गया था।

जब एलडीए के जिम्मेदारों को इसमें अवैध निर्माण नजर आया तो उन्होंने पहली बार वर्ष 2014 में इसे गिराने का नोटिस भेजा। लेकिन इसके मालिक के कान में जूं नहीं रेंगी। ये बिल्डिंग गाजीपुर जिला निवासी रईस आलम सिद्दीकी (Raees Alam Siddiqui) की है जो बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) से जुड़ा हुए बताया जा रहा है।

बिल्डिंग को लेकर एक्शन में एलडीए

रईस आलम के इस अवैध निर्माण को धीरे-धीरे 8 साल गुजर गए और एक बार फिर से जब सूबे में बाबा का बुलडोजर अवैध निर्माण और गुंडे, माफिया द्वारा कब्जा कर बनाई गई इमारतों को ढहा रहा था तो एलडीए के अफसर भी इस बिल्डिंग को लेकर एक्शन में आए। प्राधिकरण की ओर से 23 अप्रैल 2022 को इस इमारत में फिर से अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस चस्पा की गई। इसके मालिक को जब भनक लगी कि इस बार विकास प्राधिकरण का बुलडोजर उसकी इमारत पर गरजने वाला है तो वह निर्धारित समय से पहले ही उसे तोड़ना शुरू कर दिया।

वहीं जब इस अवैध निर्माण को लेकर जोनल अधिकारी जोन-6 राजीव कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि जब उन्हें इस जोन की जिम्मेदारी मिली और उनके संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए इस पर कार्रवाई करने के लिए नोटिस चस्पा कराई। रईस आलम सिद्दीकी को सबसे पहले 2014 फिर 2016 में अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण को लेकर नोटिस भेजा गया था। रईस आलम ने संबंधित बिल्डिंग का नक्शा भी पेश किया था लेकिन वह सही नहीं था। जिसके बाद इस बिल्डिंग को दो बार सील किया गया। बावजूद उसके इसमें निर्माण कार्य नहीं रुका।

राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने नोटिस भेजा था कि वह अपने अवैध निर्माण को खुद तोड़ लें वरना प्राधिकरण द्वारा उसे तोड़ दिया जाएगा। रईस आलम ने मौके की नजाकत को देखते हुए खुद ही मजदूर लगाकर अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू कर दिया। क्योंकि उन्हें मालूम है अगर प्राधिकरण को बुलडोजर आता तो उनकी इमारत को और भी नुकसान पहुंचा सकता था।

एलडीए के जिम्मेदारों पर भी सवाल?

यह मामला भले ही मौजूदा जोनल अधिकारी राजीव कुमार के चार्च लेने के पहले का हो, लेकिन सवाल यह कि जिस वक्त रईस आलम द्वारा इस बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा था। नियम के मुताबिक उसने एलडीए से नक्शा भी पास कराया होगा। ऐसे में जो नक्शा पास किया गया था उसके बाद वह आगे की तरफ अवैध निर्माण कैसे करा डाला। जबकि एलडीए का कार्यालय एकदम बगल ही में ही है। सवाल एलडीए के जिम्मेदारों पर ही उठता है कि उन्होंने आंखें बंद रखी और अब योगी सरकार के एक्शन के बाद जब उन्हें लगा की इसे बचाना मुश्किल है तो यह बात रईस आलम को भी समझ आई और उन्होंने खुद ही अवैध निर्माण को गिराना शुरू करा दिया।

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