रेलवे अधिकारी ने ट्रॉलीमैन को बनाया बंधक, की बदतमीजी, मीडिया हस्तक्षेप के बाद छूटा

Update: 2017-12-26 07:42 GMT

अमित यादव

लखनऊ: रेलवे के लखनऊ यार्ड में 26 दिसंबर (मंगलवार) को एक ट्रॉलीमैन को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। पीडब्लू लाइन में तैनात ट्रॉलीमैन पहले की गई शिकायत की प्रोसेसिंग रिपोर्ट का हाल जानने मंगलवार सुबह यार्ड गया था। ट्रॉलीमैन को यार्ड में देखकर पीडब्लूआई स्पेशल भड़क गए और उसके लिए अपशब्द बोले। साथ ही बदतमीजी भी की।

ट्रॉलीमैन का आरोप है कि उसको यार्ड में एक घंटे तक जबरन बैठाकर रखा गया। मामला तूल पकड़ने पर रेलवे के आला अधिकारियों के कान खड़े हुए। मीडिया के हस्तक्षेप पर यार्ड से ट्रॉलीमैन को छोड़ा गया।

यह है मामला

पिछले दिनों स्पेशल महिला गैंग की ट्रैक मेंनटेनर की सदस्यों ने यह शिकायत की थी कि सुनीता को भी ट्रेनिंग स्कूल से हटाकर अन्य की तरह काम पर लगाया जाए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर ट्रॉलीमैन पवन लखनऊ यार्ड पहुंचे। उन्हें वहां पर पीडब्लूआई स्पेशल हरिशंकर मिल गए। ट्रॉलीमैन पवन ने बताया, कि मैंने जब सुनीता के बारे में पूछा कि आखिर वो अभी तक ट्रेनिंग स्कूल में क्या कर रही है, तो वह बुरी तरह भड़क गए।' पवन का कहना है कि भड़के पीडब्लूआई स्पेशल हरिशंकर ने उससे पूछा, कि 'आखिर तुम्हें यह पूछने का अधिकार किसने दिया? तुमने यहां आने की हिम्मत कैसे की।'

ट्रॉलीमैन के मुताबिक, हरिशंकर नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के पदाधिकारी हैं। उन्होंने तुरंत ही अपने साथियों को बुलाकर खूब हड़काया और गाली-गलौज की। काफी देर तक सभी मिलकर ट्रॉलीमैन को डराते-धमकाते रहे।

पीडब्लूआई स्पेशल ने नहीं उठाया फोन

इस घटना के बाबत जब newstrack.com के संवाददाता ने पीडब्लूआई स्पेशल हरिशंकर से इस बारे में बात करनी चाही तो उन्होंने फोन काट दिया। मीडिया से दूरी बनाए रखी।

ट्रॉलीमैन को एडीईएन-1 ने छुड़ाया

धीरे-धीरे यह मामला एडीईएन-1 एके बाजपेयी के पास पहुंचा। उन्होंने बताया, कि 'ट्रॉलीमैन अपना असल काम छोड़कर नेतागिरी करता है। हमेशा वो दूसरों के काम में हस्तक्षेप करता रहता है।' संवाददाता ने जब ये पूछा, कि 'ट्रॉलीमैन कब छूटेगा तो उन्होंने कहा कि अभी छुड़वा देते हैं।' एडीईएन-1 एके बाजपेयी भी ट्रॉलीमैन से खफा थे।

'अक्सर हमारे साथ गलत होता है'

रेलवे कर्मचारी ट्रैकमैन एसोसिएशन के ऑल इंडिया सचिव विश्वनाथ यादव ने बताया, कि 'दो घंटे तक ट्रॉलीमैन को बंधक बनाया गया। हरिशंकर ने अपने साथियों के साथ मिलकर यह काम किया।' उनका आरोप है कि ये लोग एनआरएमयू के सदस्य होकर पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।

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