स्टेशन पर हैं ऑटोमेटिक थर्मल स्क्रीनिंग, सुरक्षित रहेंगे कर्मचारी
प्लेटफार्म पर अब कोई रेलवे कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं कर रहा है। बल्कि स्वत: जांच हो रही है। बुखार वाले यात्री को आगे जाने पर रोक लिया जाएगा। क्योंकि इस समय ट्रेनों का संचालन जारी है। एक जुलाई से और पैसेंजर की जगह मेल/एक्सप्रेस गाड़ी शुरु हो रही है।
झांसी: प्लेटफार्म पर अब कोई रेलवे कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं कर रहा है। बल्कि स्वत: जांच हो रही है। बुखार वाले यात्री को आगे जाने पर रोक लिया जाएगा। क्योंकि इस समय ट्रेनों का संचालन जारी है। एक जुलाई से और पैसेंजर की जगह मेल/एक्सप्रेस गाड़ी शुरु हो रही है। इसके मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर सफाई व्यवस्था पर भी ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
रेल प्रशासन एक जुलाई से पैसेंजर की जगह मेल/एक्सप्रेस ट्रेन चलाने जा रहा है। यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ने से रेल संचालन से जुड़े कर्मचारियों के लिए भी खतरा बढ़ने लगा है। कारण प्लेटफार्म पर आने से पहले प्रत्येक यात्री को दो बार कोरोना जांच करनी पड़ती है। जिससे जांच करने वाले चिकित्सकों व कर्मियों को कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है।
रेलवे ने इस खतरे से कर्मियों को बचाने के लिए ऑटोमेटिक थर्मल स्क्रीनिंग मशीन रेलवे स्टेशन पर लगाई है। प्लेटफार्म के प्रवेशद्वार पर लगाई गई मशीन एक मीटर दूरी से ही यात्रियों की मशीन जांच कर लेगी। इसके लिए यात्रियों को लाइन लगाकर प्लेटफार्म में एंट्री मिल रही है। लाइन में उन्हें आपस में एक मीटर की दूरी पर रहना पड़ रहा है। लाइन में यात्री से आगे बढ़ते जाएंगे और मशीन से उसकी थर्मल स्क्रीनिंग होती रहेगी। मशीन को कम्प्यूटर जोड़ा गया है। कम्प्यूटर पर बैठा कर्मचारी प्रत्येक यात्री पर नजर रख रहा है। जिस यात्री को तेज बुखार या अन्य बीमारी के लक्षण दिखाई देंगे, उसकी रिपोर्ट कप्यूटर पर आ जाएगी। ऐसे यात्रियों को प्लेटफार्म पर जाने से रोक दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान प्लेटफार्म पर टीटीई भी मौजूद रहेगा, जो लाइन से गुजरने वाले यात्रियों पर निगरानी रख रहा है और कोरोना संदिग्ध को आगे बढ़ने से रोक दे रहा है।
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रेलवे का कहना है कि वर्तमान में ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को दो बार जांच की जाती है। पहली बार स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व कर्मियों की टीम यात्री की जांच करते हैं और प्रमाण पत्र जारी करता है। इसके बाद स्टेशन पर रेलवे के चिकित्सक व कर्मचारी दोबारा जांच करता है। जांच करने वाले चिकित्सकों व कर्मियों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है।
डरे नहीं, ट्रेनों में कोरोना से बचाव के पूरे इंतजाम
ट्रेन में सफर के दौरान कोरोना से डरने की जरुरत नहीं है। झाँसी रेल मंडल ने कोरोना को मात देने के लिए पूरी व्यवस्था कर रखी है।
- कोचों को बार-बार सैनिटाइज करते हैं। टीटी स्टॉफ चेकिंग के लिए हाथ में टिकट नहीं मांगते, दूर से देखकर जांच करते हैं।
स्टेशन के मुख्य गेटों पर प्रवेश से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। फिर प्रवेश देते हैं।
-स्टेशन पर टिकट की जांच के लिए कैमरे लगे हैं, जिनके सामने टिकट दिखाकर जांच कराई जा सकती है।
-ट्रेन के साथ चलने वाला स्टॉफ पीपीई किट पहने हुए रहते हैं।
-झाँसी रेल मंडल ट्रेनों व प्लेटफार्म पर बार-बार सफाई करवा रहा है। सफाईकर्मी साथ में चलते हैं।
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इनका कहना है
झांसी रेल मंडल दोनों ही ट्रेनों में कोरोना से बचाव के पूरे प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। यात्रियों को समझाइश देने से लेकर पूरी मदद कर रहे हैं। छिड़काव की व्यवस्था है। साफ-सफाई के लिएकर्मचारी ट्रेन में चलते हैं। रेलवे के जैसे निर्देश मिलेंगे, उनका पालन किया जाएगा।
अखिल शुक्ला, मंडल वाणिज्य प्रबंधक
झांसी मंडल ने किया यात्री सेवा संबंधी परिवादों का समाधान
मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर के कुशल मार्ग दर्शन में झाँसी मंडल निरंतर यात्रियों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने हेतु प्रयासरत है। ज्ञात रहे यात्री सेवाएँ मार्च माह से 11 मई तक कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए बंद कर दी गयी थी, परन्तु यात्रियों की समस्याओं का समाधान निरंतर किया जाता रहा है। इस दौरान 24 मार्च से लेकर अभी तक 1380 परिवाद झाँसी मंडल को रेलवे की 24X7 प्रणाली से प्राप्त हुए। ये परिवाद/समस्या एवं सुझाव ट्विटर, रेल मदद तथा 139 से प्राप्त हुए। इन सभी परिवादों का निस्तारण रेल प्रशासन द्वारा किया गया।
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रेल प्रशासन यात्रियों की समस्याओं को हमेशा प्राथमिकता पर लेता है। यात्रियों को उचित एवं सही जानकारी के साथ उनके सुझाव और समस्याओं पर उचित एवं प्रभावी कार्रवाई की जाती है। झाँसी मंडल में नियंत्रण कार्यालय में इसके लिए एक सेल बनाया गया है जिसके द्वारा किसी भी वक्त प्राप्त समस्या एवं सुझाव को यथाशीघ्र निस्तारण किया जाता है। यह उल्लेखनीय है सीमित यात्री सेवाएँ 12 मई से शुरू की गई उसके पश्चात् 1 जून से मंडल में 14 जोड़ी विशेष गाड़ियों का आवागमन हो रहा है। इसके साथ ही श्रमिक स्पेशल का संचालन भी किया जा रहा है। पार्सल एवं मालगाड़ियों का संचालन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु लॉक डाउन के दौरान भी किया जाता रहा है।
रिपोर्ट: बीके कुश्वाहा