रेलवे अब इस सिस्टम से रेल की पटरियों के टूटने का लगाएगा पता
महानिदेशक ने बताया कि अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन अब भेल, सेल, आईआईटी, बीईएल और डीआरडीओ सहित कई औद्योगिक सेक्टर के साथ संयुक्त रूप से शोध करेगा। इसके लिए विशेषज्ञों के साथ कई क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं।
लखनऊ: अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) रेल पटरियों के टूटने का पता लगाने के लिए 'ब्रोकेन रेल डिटेक्शन सिस्टम' तैयार करेगा। इससे तापमान बढ़ने पर टूटने वाली रेल पटरियों का पता चल जाएगा और दुर्घटना से बचा जा सकेगा।
आरडीएसओ के महानिदेशक वीरेंद्र कुमार ने बुधवार को बताया कि रेल पटरियों के टूटने का पता लगाने के लिए 'ब्रोकेन रेल डिटेक्शन सिस्टम' तैयार किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों से चर्चा हो चुकी है।
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उन्होंने बताया कि ट्रेनें कोहरे में तेज गति से चल पाएं, इसके लिए नई 'फॉग विजन डिवाइस' तैयार की जाएगी। इस डिवाइस के तैयार होने से ट्रेनें कोहरे की वजह से लेट नहीं होंगी।
महानिदेशक ने बताया कि अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन अब भेल, सेल, आईआईटी, बीईएल और डीआरडीओ सहित कई औद्योगिक सेक्टर के साथ संयुक्त रूप से शोध करेगा। इसके लिए विशेषज्ञों के साथ कई क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं।
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इसमें पटरी टूटने जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए शोध, लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) पहिया के डिजाइन में सुधार के लिए शोध, 'फायर डिटेक्शन' एवं 'सप्रेशन सिस्टम' के लिए शोध, धुरा भार के साथ मालगाड़ियों की गति बढ़ाने और 'ओएचई मॉनीटरिंग' जैसे क्षेत्रों के लिए शोध करने पर सहमति बनी है।