रामगोविन्द चौधरी ने भाजपा पर साधा निशाना, दिया ये बड़ा बयान

उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार की कारपोरेट समर्थक नीतियों की वजह से देश 1947 से पूर्व की स्थिति में पहुंच गया है।

Update:2020-06-04 13:31 IST
ramgovind chaudhary

बलिया। सपा के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने आज भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा है कि कोरोना के मुकाबले के नाम पर देश और राज्य सरकार गरीबी को नहीं, मजदूरों, श्रमिकों , बेरोजगारों, किसानों और गरीबों को मिटा देने पर तुली है। उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए मजदूरों, श्रमिकों, बेरोजगारों, किसानों और गरीबों की रक्षा के लिये वर्ष 1974 से भी बड़े आंदोलन की तैयारी करने का आह्वान किया है ।

किसानों की हालत बेहाल

नेता प्रतिपक्ष चौधरी ने आज एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार की कारपोरेट समर्थक नीति के कारण देश पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और आर्थिक मंदी से जूझ रहा है तथा किसानों की हालत फटेहाल हो गई है । अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष लोग शासन के संरक्षण में भीड़ हिंसा का शिकार हो रहे थे तथा बैंक दिवालिया हो रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि अनियोजित और अचानक लॉकडाउन से देश आर्थिक तबाही के दौर से गुजर रहा है । 15 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो गए।

खुदखुशी की आ रही खबरें

किसान खेत में अपना उत्पाद नष्ट करने को मजबूर है। रोज कमाने खाने वाले देश की बड़ी आबादी भुखमरी की चपेट में है। छोटे मोटे रोजगार कर खुश रहने वालों की भी हालत चिंताजनक हो गई है। रेल से कटकर, वाहनों से कुचलकर और रास्तों में भूख प्यास से मरने वालों को छोड़िए, राज्य सरकार और भारत सरकार की देखरेख में चल रही ट्रेनों में 80 मजदूर भूख प्यास से मर गए है । उन्होंने कहा है कि आर्थिक तंगी को लेकर आए दिन खुदकुशी की खबरें आ रही हैं और सरकार या तो कान में तेल डाले पड़ी है या केवल कागजी निर्देश, उपदेश जारी कर रही है और लाठी गोली की भाषा बोल रही है।

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पौधा जरुर लगाएं

उन्होंने कहा है कि कोरोना के मुकाबले के नाम पर देश और राज्य सरकार गरीबी को नहीं, मजदूरों, श्रमिकों , बेरोजगारों, किसानों और गरीबों को मिटा देने पर तुली है । उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि सरकार की केवल आलोचना करने से कुछ होने वाला नही है । उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा वर्ष 1974 में दिये गये नारा "सरकार निकम्मी है, लेकिन यह देश हमारा अपना है। इसकी तस्वीर बदलने को लाखों आंखों में सपना है।" को याद करते हुए दुखी जनों को फिर से नई जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करने,स्वदेशी अपनाने और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति में कम से कम एक पौधा जरूर रोपने की जरूरत है।

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देश बदतर स्थिति में

उन्होंने कहा कि 1974 का छात्र युवा आंदोलन गुजरात विद्यापीठ में मेस, हास्टल, शिक्षण शुल्क, पुस्कालय में फीस वृद्धि को लेकर प्रारम्भ हुआ था। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा बाद में इस आन्दोलन का मुख्य मुद्दा हो गया और बिहार आते आते यह आंदोलन सम्पूर्ण क्रांति में बदल गया। उन्होंने कहा कि पटना के गाँधी मैदान में 5 जून 1974 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन का ऐलान किया था जो वर्तमान समय में पूर्व के परिस्थितियों से भी अधिक प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने दावा किया है कि वर्तमान समय में देश में 1974 से अधिक बदतर स्थिति है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार की कारपोरेट समर्थक नीतियों की वजह से देश 1947 से पूर्व की स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि भाजपा सरकार ने जुल्म ज्यादती व प्रताड़ना के मामले में ब्रितानी हुकूमत को भी पीछे छोड़ दिया है । उन्होंने कहा कि देश को रसातल में पहुँचाने वालों से मुक्ति के लिए 1974 से भी बड़ा छात्र युवा आंदोलन आवश्यक हो गया है। उन्होंने छात्रों और नौजवानों से पांच जून को लोकनायक जयप्रकाश नारायण को नमन कर व सम्पूर्ण क्रांति को याद करते हुए वर्ष 1974 से भी बड़े आंदोलन की तैयारी करने का आह्वान किया है।

रिपोर्टर - अनूप कुमार हेमकर, बलिया

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