लखनऊ: इस समय बैंकों के बाहर लगी लंबी-लंबी कतारें और एटीएम पर परेशान लोग...... ये नजारा हर तरफ देखने को मिलेगा। वजह साफ है देश के प्रधानमंत्री ने इंडियन इकोनॉमी को फिल्टर करने और कालेधन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। पर लोगों की परेशानी साफ जाहिर कर रही है कि आम आदमी को काफी दिक्कतें हो रही हैं। जहां एक ओर मंडी बंद होने से आढ़तियों के तराजू से ताले नहीं खुले हैं तो वहीं लोग खुल्ले पैसों के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
काॅमन मैन के लिए फैसला कड़वी दवा, सवाल- तो क्या यूपी में जरूरत से कहीं कम आई करेंसी ?
- बैंकिंग सेक्टर से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि यूपी में रोज हजारों करोड़ का आर्गेनाइज्ड और अनआर्गेेनाइज्ड सेक्टर का टर्नओवर है।
- इसके एवज में महज 200 करोड़ के आसपास चेंज और नई करेंसी प्रदेश के लिए उपलब्ध है।
- सूत्रों की मानें तो गोरखपुर जैसे बड़े जिले के लिए सिर्फ 20 करोड़ रुपए चेंज और न्यू करेंसी के लिए मुहैया कराए गए हैं।
-जबकि गोरखपुर में आर्गेनाइज्ड और अनआर्गेेनाइज्ड सेक्टर का एक दिन का करोबार 100 करोड़ के आसपास होता है।
- इस तरह इस ऐतिहासिक फैसले के फर्स्ट फेज में यूपी में जरूरत के हिसाब से कहीं कम करेंसी को मुहैया करवाया गया है।
- ऐसे में सवाल उठता है कि इतने बड़े फैसले को कड़वी दवाई के रूप में क्या सिर्फ आम आदमी पी रहे हैं।
- सवाल ये भी है कि पहले से करेंसी चेंज की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई।
- फिलहाल लोगों की हर बैंक पर लंबी लंबी कतारें और एटीएम के बाहर भारी झल्लाती भीड़ तो इसी ओर इशारा कर रही हैंं कि जरूरत के हिसाब से करेंसी बैंकों के पास उपलब्ध नहीं है।
यूनियन बैंक में तो गड्डी में निकले कम नोट
- राजधानी स्थित यूनियन बैंक की आलमबाग ब्रांच समेत कई ब्रांचोंं में एक अलग तरह की शिकायत भी सामने आई हैंं।
- ग्राहकाें का कहना है कि उन्हें 100 की गड्डी में 6 से लेकर 8 नोट तक कम मिले हैं।
- ऐसे में करेंसी प्रबंधन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
- इन सवालों को जवाब देने के लिए कोई भी जिम्मेदार सामने आने को तैयार नहीं हैंं।
- वहीं लोगों के पास भी झल्लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
लोगोंं का छलका दर्द, बोले- अाम आदमी को पैसे की किल्लत क्यों?
- राजधानी में एक प्रतिष्ठित बैंक के बाहर लगे लोगों से जब इस फैसले के बारे में राय जाननी चाही, तो उनका दर्द छलक उठा।
- चौक में बैंक के बाहर कतार में लगे राधेश्याम ने बताया कि घर केे आम खर्चे के लिए भी पैसों की दिक्कतें हो रही हैं।
- एक तो इतनी लंबी लाइन ऊपर से केवल एक व्यक्ति 4000 रुपए से ज्यादा धनराशि के नोट बदल नहीं सकता।
- इस फैसले से काफी दिक्कतें हो रही हैं।
- वहीं एक बैंक के कर्मी ने बताया कि इस योजना में अगर जिस व्यक्ति का जहां खाता हो।
- उसे वहीं से धनराशि बदलने और निकालने का आदेश होता तो ज्यादा आसानी रहती।
- लोग सवाल उठा रहे हैं और जिम्मेदार जवाब देने से कतरा रहे हैं।