पक रही राजनीतिक खिचड़ी: सपा मंत्री के भोज में पहुंचे सोनिया गांधी के प्रतिनिधि
पार्टी की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री वर्तमान में ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पाण्डेय पर पार्टी ने पासा फेंकना आरम्भ कर दिया है। प्रियंका गांधी के रायबरेली दौरे से ठीक दो दिन पहले यहां मनोज पाण्डेय के खिचड़ी भोज में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा के पहुंचने के बाद राजनैतिक खिचड़ी पकना शुरू हो गई है।
नरेंद्र सिंह
रायबरेली: एमएलसी दिनेश सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने से कांग्रेस के लिए रायबरेली में दुश्वारियां बढ़ी थीं। जिसका असर लोकसभा 2019 के परिणाम में देखने को मिला था। हाल ही में पूर्व बाहुबलि विधायक अखिलेश सिंह के निधन से पार्टी यहां सांसत में आ गई। जरूरत थी स्थानीय स्तर पर एक असर दार नेता की।
इसके लिए पार्टी की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री वर्तमान में ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पाण्डेय पर पार्टी ने पासा फेंकना आरम्भ कर दिया है। प्रियंका गांधी के रायबरेली दौरे से ठीक दो दिन पहले यहां मनोज पाण्डेय के खिचड़ी भोज में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा के पहुंचने के बाद राजनैतिक खिचड़ी पकना शुरू हो गई है।
आज कांग्रेस शुरू हो गया कांग्रेस का प्रशिक्षण शिविर
गौरतलब हो कि सोमवार से रायबरेली के भुएमऊ गेस्ट हाउस में कांग्रेस का चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया है। चार दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 20, 21 जनवरी को बुंदेलखंड व पूर्वांचल के पार्टी पदाधिकारियों को तो 23, 24 जनवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों का प्रक्षिक्षण होगा। इसी प्रशिक्षण के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का दो दिन का दौरा भी प्रस्तावित है।
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इस कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले रविवार को रायबरेली शहर के अस्पताल चौराहा स्थित रिफार्म क्लब में पूर्व मंत्री एवं मौजूदा समय में ऊंचाहार से सपा विधायक मनोज पाण्डेय की ओर से खिचड़ी भोज का विशाल आयोजन किया गया था। जिसमें दर्जन भर विधायक के साथ कई एमएलसी, प्रशासनिक अधिकारी, अधिवक्ता, लखनऊ के पत्रकार आदि शामिल हुए। मुख्य रूप से सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा भी मंच पर दिखाई दिए।
ऐसे में यहां चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। चर्चा ये है कि पार्टी ने अब पुराने वोट बैंक को रिझाने के लिए मुस्लिम और ब्रहामण कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत प्रियंका गांधी ने सीएए और एनआरसी के विरोध में पुलिस की लाठियों का शिकार हुए प्रमुख रूप से मुस्लिम पीड़ितों से जाकर खुद मुलाकात की। वहीं ब्राह्मण समुदाय के वोट को अपने पाले में लाने के लिए पार्टी पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय को कांग्रेस के पाले में मंथन कर रही है।
रविवार को खिचड़ी भोज में मनोज पाण्डेय ने कांग्रेस से पुराने रिश्ते की दी थी दुहाई
दरअसल, ये चर्चा उस वक़्त शुरु हुई जब रविवार को भोज कार्यक्रम में मंच पर सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा बैठे थे, उसी समय पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय ने कांग्रेस से रिश्ते की दुहाई देते हुए कहा कि, "कांग्रेस से मेरा 23-24 साल पुराना सम्बंध है, हमारे भाई (राकेश पाण्डेय) ने इसी से शुरुआत की थी। पार्टी हमारे सुख-दुःख में हमेशा खड़ी नहीं।" आपको बता दें कि पूर्व मंत्री के भाई राकेश पाण्डेय की हत्या की गई थी। हत्या का आरोप पूर्व कांग्रेसी नेता स्व. अखिलेश प्रताप सिंह पर लगा था।
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अब वो इस दुनिया में रहे नहीं। उनके न होने से पार्टी का नुकसान अवश्य हुआ है। एमएलसी दिनेश सिंह और उनका कुनबा पहले से ही कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी में जा चुका है। ऐसे में कांग्रेस को रायबरेली में एक कद्दावर नेता की तलाश रही, जिसकी कमी को मनोज पाण्डेय पूरा कर सकते हैं। वो ये भी कहते हैं कि मनोज पाण्डेय को कांग्रेस में लाकर पार्टी 2022 में ब्राह्मण नेता के रूप में एक बड़ा चेहरा पेश कर सकती है।
लोकसभा चुनाव 2019 में मनोज पाण्डेय ने खुलकर की थी मदद
आपको बता दें कि हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस वेंटिलेटर पर थी, पार्टी के लिए अमेठी और रायबरेली सीट बचाना प्रतिष्ठा का सवाल था उस वक़्त सपा खेवनहार बनी थी। अमेठी में तो सपा का साथ भी कांग्रेस को नहीं बचा सका, लेकिन सपा का साथ रायबरेली में कारगर हुआ। इसमें सपा से बड़ा योगदान ऊंचाहार विधायक मनोज पाण्डेय का था। स्वयं मनोज पाण्डेय ने सोनिया गांधी के समर्थन में विशाल रैली का आयोजन किया था, जिसमें प्रियंका गांधी के साथ वो मंच पर मौजूद थे। उस समय प्रियंका गांधी ने उनकी जमकर सराहना भी की थी।