Saharanpur News: अब नहीं जाना पड़ेगा कोर्ट, वीडियो कॉलिंग से ही कर सकेंगे वाद का निस्तारण

सहारनपुर वासियों के लिए अच्छी खबर है। सहारनपुर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में सहारनपुर मुख्यालय व तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वर्चुअल मोड़ से संपादित किया जाएगा।

Report :  Neena Jain
Published By :  Satyabha
Update:2021-07-05 18:44 IST

न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी (फोटो न्यूजट्रैक)

Saharanpur News: अब आपको अपने छोटे-छोटे मामलों के लिए अदालत जाने की जरूरत नहीं। यदि आपकी बैंक की रिकवरी, जल, बिजली के बिल की समस्या है या फिर मोटर दुर्घटना या फिर व्यवहारिक पारिवारिक समस्या आप घर बैठे वीडियो कॉल के माध्यम से अपने वाद का निस्तारण पा सकते हैं। इसकी पहली शुरुआत जनपद सहारनपुर में हुई है।


सहारनपुर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (Legal Services Authorities) व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (Uttar Pradesh State Legal Services Authority Internship) के तत्वाधान में सहारनपुर मुख्यालय व तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा। इसमें जिन मामलों में वादी की उपस्थिति आवश्यक नहीं है, उनका निस्तारण वीडियो कॉल के माध्यम से कर सकते हैं। इस संबंध में सभी प्रकार के अपराधिक मामले, चेक बाउंस से संबंधित उत्तराधिकारी के बाद बैंक रिकवरी, मोटर दुर्घटना, बिजली एवं जल संबंधित, वैवाहिक पारिवारिक वाद भूमि सेवानिवृत्ति के परिणामों संबंधित राजस्व तथा अन्य सिविल वादों का निस्तारण किया जा सकता है।

वर्चुअल संवाद में होगा मामलों का निस्तारण

यह जानकारी सोमवार को जिला न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने बताया कि अदालतों में हजारों की संख्या में ऐसे मामले हैं, जिनका निस्तारण वर्चुअल संवाद द्वारा हो सकता है। इसीलिए इसकी पहल करते हुए कई मामले ऐसे जिनकी संख्या 35 हजार से भी ज्यादा है। उन्हें मोबाइल नंबर या वीडियो कॉल के माध्यम से सुलझाया जा सकता है या समझौता कराया जा सकता है। पीठासीन अधिकारी द्वारा पक्षकार के उपलब्ध मोबाइल नंबर द्वारा किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इसका सत्यापन व्हाट्सएप पर भी समझौते के संदर्भ में पक्षकारों की सहमति ली जा सकती है। यदि पीठासीन अधिकारी के माध्यम से सूचना संबंधित पक्षकार को दी जायेंगी और नियत तिथि को समझौते का सत्यापन किया जा सकेगा।

अदालतों में होने वाली भीड़ से बचा जा सकेगा

उन्होंने कहा कि चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, मोटर दुर्घटना, बिजली और जल संबंधित मामले राजस्व वाद सर्वाधिक हैं। इन मामलों के वर्चुअल संवाद व्हाट्सएप या वीडियो कॉल द्वारा किए जाने से अदालतों में आने वाली भीड़ से भी बचा जा सकेगा। कोविड-19 में जहां मास्क का उपयोग व सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। ऐसे में वीडियो कॉल द्वारा मामले निपटाए जाने से इनका पालन ज्यादा बेहतर तरीके से हो सकेगा। न्यायाधीश ने बताया कि वैवाहिक पारिवारिक बाद भी इसके द्वारा निपटाए जा सकते हैं केवल तलाक के मामलों को छोड़कर।

वीडियो कॉल से अदालतों का भार कम होगा

उन्होंने बताया कि 10 हजार से भी ज्यादा बैंक रिकवरी के मामले हैं, जो केवल वीडियो कॉल के द्वारा निपटाए जाने हैं, इससे अदालतों का भी भार कम होगा और अन्य दूसरे मामलों में विचार करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में यह सराहनीय शुरुआत की गई है। इसका लाभ केवल नगरीय क्षेत्र के वासी ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी बेहतर तरीके से उठा सकेंगे।

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