Electoral Bond: चुनावी बांड पर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई सामने, जानें क्या कहा?
Electoral Bond: अखिलेश यादव ने पोस्ट में लिखा कि अब ये बात किसानों-मज़दूरों व भाजपा विरोधी लोगों द्वारा देश के हर गाँव, गली, मोहल्ले तक पहुँचनी चाहिए कि ‘भ्रष्ट भाजपा’ कैसे अमीरों से पैसे लेकर आम जनता के ख़िलाफ़ साज़िश रचती है और भावनात्मक रूप से भोली-भाली आम जनता का शोषण करके अपना उल्लू सीधा करती है।
Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समाजावादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की आज शुक्रवार (16 फरवरी) को प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि प्रिय किसान-मज़दूर भाइयों, ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित किये जाने से किसान आंदोलन के अंदर एक नई ऊर्जा आई है क्योंकि इन तथाकथित राजनीतिक चंदों के नाम पर जो लोग पिछले दरवाज़े से भाजपा की हथेली गरम करके खेती-किसानी से जुड़े कारोबारों पर क़ब्ज़ा करके अपना व्यापारिक स्वार्थ साधना चाहते थे, अब वो भाजपा को चंदा नहीं देंगे। भाजपा पैसे के लालच में गाँव, ग़रीब, किसान, मज़दूर का जो हक़ मार रही थी, वो सब अब धीरे-धीरे ख़त्म होगा।
अखिलेश यादव ने पोस्ट में आगे लिखा कि अब ये बात किसानों-मज़दूरों व भाजपा विरोधी लोगों द्वारा देश के हर गाँव, गली, मोहल्ले तक पहुँचनी चाहिए कि ‘भ्रष्ट भाजपा’ कैसे अमीरों से पैसे लेकर आम जनता के ख़िलाफ़ साज़िश रचती है और भावनात्मक रूप से भोली-भाली आम जनता का शोषण करके अपना उल्लू सीधा करती है। पैसे लेकर सवाल पूछने के झूठे आरोपों पर जब किसी सांसद की सदस्यता जा सकती है, तो पैसे लेकर किसान-मज़दूर विरोधी नीतियाँ बनाने पर तो भाजपा के सभी सांसदों की सामूहिक सदस्यता चली जानी चाहिए।
‘दाने बाँटकर खेत लूटनेवाली भाजपा’ का मुखौटा अब उतर गया है। जनता जीतेगी, भाजपा हारेगी! हम सब साथ हैं!
अखिलेश यादव ने इसके अलावा गुरुवार को जब सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर फैसला सुनाया था, तब भी उनकी प्रतिक्रिया सामने आयी थी। उन्होने एक्स पर लिखा था कि ‘इलेक्ट्रारल बांड’ की अवैधानिकता और तत्काल ख़ात्मे का माननीय सर्वोच्च न्यायालय का फ़ैसला लोकतंत्र के पुनर्जीवन के लिए स्वागत योग्य निर्णय है। ये भाजपा की नाजायज़ नीतियों का भंडाफोड़ है। ये फ़ैसला भाजपा-भ्रष्टाचार के बांड का भी खुलासा है। जनता कह रही है लगे हाथ भाजपाइयों द्वारा लाए गये तथाकथित पीएम केयर फंड और तरह-तरह के भाजपाई चंदों पर भी खुलासा होना चाहिए। जब करदाताओं, दुकानदारों, कारोबारियों से पिछले दसों सालों का हिसाब माँगा जाता है तो भाजपा से क्यों नहीं माँगा जाए।