सपा कार्यकर्ताओं ने जलाया योगी का पुतला, लगाए सरकार विरोधी नारे
प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप लगा रहे समाजवादी नौजवानों ने बलात्कारियों को फांसी दिए जाने की मांग करते हुए नारे भी लगाए। प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठी भांजी और गिरफ्तारी की।
लखनऊ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हाथरस और बलरामपुर गैंगरेप के विरोध में बृहस्पतिवार को राजधानी में विरोध प्रदर्शनों से पुलिस को खूब परेशान किया। 1090 चौराहे पर सपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाया और सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।
कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप
राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने विरोध प्रदर्शन से पुलिस की नाक में दम कर दिया। विरोध प्रदर्शन कर रहे नौजवानों को सबक सिखाने के लिए पुलिस ने हजरतगंज में उन पर जमकर लाठियां बरसाईं लेकिन दोपहर में हुए इस प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 1090 वूमेन पावर लाइन चौराहा पर एक और प्रदर्शन किया । यहां प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ता अपने हाथ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा सा पोस्टर उठाए हुए थे ।
मुख्यमंत्री के फोटो को गंदा करने के बाद कार्यकर्ताओं ने उसे आग भी लगा दी। प्रदेश में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप लगा रहे समाजवादी नौजवानों ने बलात्कारियों को फांसी दिए जाने की मांग करते हुए नारे भी लगाए। प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठी भांजी और गिरफ्तारी की।
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लोकतंत्र और संविधान दोनों का तिरस्कार
समाजवादी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद बृहस्पतिवार को अपने एक बयान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में लोकतंत्र और संविधान दोनों का तिरस्कार हो रहा है। जनता भाजपा के जिन लोकलुभावन वादों से भ्रमित हुई थी अब उनकी सच्चाई जानने लगी है।
भाजपा के कुशासन का असली रंग लोग देख रहे है। छल प्रपंच के माहिर भाजपाईयों के झूठ का लबादा उतरने में अब देर नहीं लगेगी। प्रदेश में अपराधों की असाधारण वृद्धि से यह प्रदेश हत्या प्रदेश के रूप में बदनाम हो गया है। प्रदेश के गौरव से इस खिलवाड़ को लोग भूलेंगे नहीं।
समाजवादी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज
हाथरस में पीड़िता के गांव जाने पर प्रशासन द्वारा एक तरफा पाबंदी लग गई है। समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमण्डल पीड़िता के परिवारीजनों से मिलने और उन्हें सांत्वना देने उसके गांव बूलगढ़ी थाना चंदपा जा रहा था, उसको पुलिस ने बल पूर्वक रोक दिया, समाजवादी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया और समाजवादी नेताओं को चंदपा थाने में गिरफ्तार कर ले जाया गया। बस से जब उन्हें थाने ले जाया जा रहा था तब बस पर पत्थरबाजी करायी गयी।
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पीड़िता के पक्ष में कैण्डिल मार्च निकाल रही महिलाओं के साथ भी पुलिस का रवैया उत्पीड़नकारी रहा। नौजवानों के विरोध प्रदर्शन पर तो बर्बरता से लाठीचार्ज हुआ और कई छात्र-युवा नेता घायल हुए जो अपना इलाज करा रहे हैं। कईयों को जेल भी भेजा गया है। संविधान में विपक्ष के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी है, उसे भाजपा सरकार ने मजाक बना दिया है।
अखिलेश तिवारी