शिवाजी जयंती: योगी को भाई केसरिया पगड़ी, राज्यपाल ने किया शिवाजी का गुणगान
लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) में सोमवार (19 जनवरी) को शिवाजी जयंती उत्सव एवं भव्य शोभायात्रा में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक शामिल हुए। वे करीब शाम 5 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) में सोमवार (19 जनवरी) को शिवाजी जयंती उत्सव एवं भव्य शोभायात्रा में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक शामिल हुए। वे करीब शाम 5 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। योगी को कैसरिया पकड़ी बहुत पसंद आई। सीएम के साथ-साथ राज्यपाल ने भी शिवाजी का गुणगान किया।
जैसी ही सीएम और राज्यपाल पहुंचे इस दौरान एलयू परिसर शंखनाद से गूंजा। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र से बहुत लोग आए, जो सभी मराठी समाज से थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मदिन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन युवाओं को बधाई दी जो उनके गृह नगर शिवनेरी दुर्ग से 1651 किमी की दूरी तय कर लखनऊ दिव्य ज्योति को लेकर आए। मौसम की परवाह किये बिना बाइक से इतनी दूरी तय करना अपने आप में बढ़ी बात है।
सीएम ने कहा कि वे कोई आम आदमी नहीं थे बल्कि एक महामानव थे। भारत मे गुरिल्ला युद्ध की शुरुआत इसी महामानव ने की थी। औरंगजेब जैसे क्रूर राजा के खिलाफ आवाज उठाई। हिंदूवादी भावना को लेकर काम किया।
योगी को पसंद आई केसरिया पगड़ी
योगी ने कहा कि अभी मैं राज्यपाल महोदय से यही बात कर रहा था कि मैंने लखनऊ में बहुत कार्यक्रमों में गया, लेकिन पहली बार ऐसा देखा कि इतनी अधिक संख्या में लोग केसरिया पगड़ी पहने हैं। मुख्यमंत्री को केसरिया पगड़ी बहुत पसंद आई है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए मैं विशेष तौर पर कल दिल्ली से आया था। राज्यपाल महोदय ने खास तौर पर बोला था कि दिव्य ज्योति को लेकर आने वाले नौजवानों का हौसला बढ़ाने चलना है, इसके बाद मैं खुद इस कार्यक्रम इंतजार कर रहा था।
राज्यपाल ने शिवाजी की बुद्धिमानी का दिया परिचय
राज्यपाल राम नायक ने कहा कि मुझे करीब साढ़े 3 साल हो गए हैं। इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद ऐसा लग रहा है कि जैसे पूरी मुंबई यही आ गई हो। आप लोग का जोश देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि और इससे अधिक खुशी है। सोमवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी में शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना करके। मेरा नसीब है कि मैंने इस प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया।
किया गुणगान
मुख्यमंत्री ने सोमवार को इस प्रतिमा को लगवाने का श्रेय राज्यपाल महोदय को दिया। राज्यपाल ने कहा कि शिवाजी महाराज के एक एक शब्द पर लोग मरने के लिए तैयार थे। राज्यपाल ने कहा कि आगरा आना शिवाजी के लिए मौत के समान था, लेकिन औरंजेब के बुलाने पर शिवाजी गए। उस समय औरंगजेब ने ऐसा इंतजाम किया था कि शिवाजी को झुक कर आना पड़े लेकिन जब इस बात की जानकारी शिवाजी को हुई तो उन्होंने चतुराई का परिचय देते हुए दरबार में पहले अपना पैर रखा और फिर सर। तो इस तरह से शिवा जी ने क्रूर राजा औरंगजेब को जवाब दिया।
संस्कृति का आदान प्रदान होना जरूरी
राज्यपाल ने कहा की इस तरह के प्रोग्राम होने से दो राज्यों में प्रेम की भावना जागृत होती है। इसके अलावा एक दूसरे के राज्य की परंपरा को जानने का मौका मिलता है। ऐसे प्रोग्राम का होना बहुत जरूरी है। राज्यपाल ने बताया कि यूपी और महराष्ट्र के दोनों मुख्यमंत्री एक दूसरे के बीच एक करार होगा। जिससे दोनों स्टेट की संस्कृति का आदान प्रदान होगा। राज्यपाल ने कहा की अब उत्तर प्रदेश 'उत्तम प्रदेश' से भी आगे जा रहा है। राज्यपाल ने शिवाजी महाराज जय का नारा लगाया। जय भवानी जय मातरम का नारा लगाया। राज्यपाल ने स्टार प्रचारक अमोल मिटकरी को सम्मानित किया।
अमोल मिटकरी ने संभाला मंच
स्टार प्रचारक अमोल मिटकरी की गड़गड़ाहट से एलयू हिला। अमोल मिटकरी को मुख्यमंत्री और राज्यपाल के आने तक बोलने की जिम्मेदारी मिली थी। उन्होंने शिवाजी के बारे में लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि 60000 महीने की पहली पेंशन शुरू करने के जनक शिवा जी महाराज रहे हैं। शिवाजी ने देश को आजाद कराया और उनका नारा था 'शवराज्य।' मिटकरी ने कहा कि मराठे कभी बिकते नहीं, कभी थकते नहीं। कहा कि, शिवाजी के जीवन में मुसलमानों का बहुत प्रमुख स्थान था।
बता दें कि पहले सीएम दोपहर के 3 बजे आने वाले थे, लेकिन करीब 5 बजे उन्होंने शिरकत की। यह कार्यक्रम शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम की सजावट भगवा रंग से की गई है। यहां तक कि मंच पर बैठने वाली सीएम की कुर्सी पर भगवा रंग का गमछा है और उनके बगल में राज्यपाल राम नाइक की कुर्सी है।
ये लोग रहे मौजूद
राज्यपाल राम नायक ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी को ऊर्जावान मुख्यमंत्री बोला। मंच पर मुख्यमंत्री, राज्यपाल के अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल जी टंडन, विधायक नीरज बोरा, लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति यसपी सिंह मौजूद रहें।