शिवपाल-अखिलेश के साथ आने पर बड़ी खबर, सपा ने उठाया ये बड़ा कदम

लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कयास लग रहे थे समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ गिल शिकवे को मिटा सकते हैं, लेकिन गुरुवार को सपा के एक कदम से सभी कयासों पर विराम लग गया।

Update: 2023-04-21 20:58 GMT

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में हार के बाद से कयास लग रहे थे समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ गिल शिकवे को मिटा सकते हैं, लेकिन गुरुवार को सपा के एक कदम से सभी कयासों पर विराम लग गया।

सपा ने शिवपाल की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की अर्जी दे दी है। पार्टी वरिष्ठ नेता औ र विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की है। यह याचिका दलबदल विरोधी कानून के आधार पर पेश की गई है।

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बता दें कि शिवपाल सिंह यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई है और सपा के कद्दावर नेता रहे हैं।

विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने इसे संबंधित विधानसभा के सभी सदस्यों की जानकारी के लिए एक सूचना भी जारी कर दी। दुबे के मुताबिक सपा नेता रामगोविंद चौधरी ने विधानसभा सदस्य शिवपाल यादव की सदस्यता के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की है।

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गौरतलब है कि शिवपाल यादव सपा के टिकट पर विधानसभा सदस्य चुने गए थे। बाद में सपा से अलग होकर उन्होंने अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना ली। लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर उन्होंने अपने पार्टी का उम्मीदवार भी मैदान में उतारा था।

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फिरोजाबाद लोकसभा सीट से वह खुद चुनाव लड़े थे। हालांकि लोकसभा के चुनाव में उनकी पार्टी कोई सीट जीत नहीं सकी। शिवपाल यादव अभी भी सपा से ही विधायक हैं।

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