नाबालिग से घर में घुसकर दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष की कठोर कैद, 1.10 लाख अर्थदंड

Sonbhadra: घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में सात वर्ष पूर्व नाबालिग से घर में घुस कर दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 20 वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है।

Update:2024-09-12 18:22 IST

नाबालिग से घर में घुसकर दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष की कठोर कैद (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में सात वर्ष पूर्व नाबालिग से घर में घुस कर दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 20 वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई की और अधिवक्तों की तरफ से पेश की गई दलीलों तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए दोषी पाए गए प्रवेश कुमार यादव को 20 वर्ष के कठोर कैद और एक लाख 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में 13 माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।

जानिए पूरा मामला, जिसको लेकर सुनाई गई सजा

अभियोजन कथानक के मुताबिक 12 दिसंबर 2017 को एक 16 वर्षीय किशोरी घर पर अकेली थी। उसी दौरान वहां साइकल से, प्रवेश कुमार यादव 18 वर्ष पुत्र राज कुमार यादव निवासी शिवद्वार (डोभनी) पहुंचा और पीड़िता को अकेला पाकर घर में घुस गया। आरोप है कि उसके साथ उसने जबरदस्ती दुष्कर्म किया। वारदात के दौरान उसे किसी के आने की आहट हुई तो वह अपना कपड़ा और साइकल वहीं छोडकर भाग निकला। कुछ लोगों ने उसे भागते हुए देखा और शोर भी मचाया लेकिन वह वहां से भाग निकला। मामले में पीड़िता की मां की तरफ से 15 दिसंबर 2017 को तहरीर दी गई। इस पर घोरावल पुलिस ने धारा 451, 376(2), 506 आईपीसी और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए, न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।

लगभग सात साल तक चली सुनवाई, पाया गया दोषसिद्ध

मामले को लेकर न्यायालय में लगभग सात साल तक सुनवाई चली। इस दौरान परीक्षित कराए गए गवाहों, पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से दिए गए तर्कों को दृष्टिगत रखते हुए, पिछले सप्ताह प्रकरण में धारा 506 आईपीसी को छोड़कर शेष सभी में दोषसिद्ध पाया गया और आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर गुरमा स्थित जिला कारागार में भेज दिया।

जानिए, किस धारा-एक्ट में कितनी सुनाई गई सजा

सजा के मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी प्रवेश यादव को धारा-451 आईपीसी के तहत चार वर्ष के कठोर कारावास, दस हजार रूपये का अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास, धारा-376(2) आईपीसी के लिए 20 वर्ष का कठोर कारावास, 50 हजार अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह का कठोर कारावास, धारा-4 (2) पाक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास, 50 हजार अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। दौरान विचारण कारागार में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी। अर्थदंड जमा होने पर 80,000 क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता के प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, पुनर्वास के लिए पीड़िता को पर्याप्त प्रतिकर मिले, इसके लिए निर्णय की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजते हुए, अलग से प्रतिकर की धनराशि पीड़िता को प्रदान कराए जाने के लिए संस्तुति दी गई।

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