नौकरी दिलाने के नाम पर आठ लाख को लौटाने का बढ़ाया दबाव तो युवक को कर लिया अगवा, पुलिस ने किया खुलासा, एक गिरफ्तार

Sonbhadra News: क्षेत्राधिकारी प्रदीप सिंह चंदेल ने बताया कि घटना के पीछे पूरी तरह से लेन-देन का मामला था। आरोपियों ने, अपहृत युवक की हरियाणा के सचिवालय में नौकरी दिलवाने के नाम आठ लाख रूपये ले रखा था।

Update:2023-07-21 19:35 IST
Sonbhadra Crime

Sonbhadra News: शक्तिनगर थाना क्षेत्र के बांसी स्थित पेट्रोल पंप के पास से अपहृत युवक मामले में पुलिस का चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। बताते हैं कि मूलतः हरियाणा के रहने वाले अपहर्ताओं ने वहां के सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर लिए गए आठ लाख को लौटाना न पड़े, इसके लिए युवक को अगवा किया गया। पुलिस का दबाव बढ़ाया तो दोबारा सोनभद्र पहुंचकर, मामले के सेंटलमेंट की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस ने अपहृत की सकुशल बरामदगी करने के साथ ही, एक आरोपी को धर दबोचा। पूछताछ के बाद पकडे गए आरोपी का चालान कर दिया गया। मामले में दो और आरोपी शामिल पाए गए हैं, जिनकी तलाश जारी है।

बताते चलें कि गत 15 जुलाई की शाम साढ़े सात के करीब शक्तिनगर थाना क्षेत्र के बांसी पेट्रोल पंप के पास से म्योरपुर निवासी आशीष तिवारी को अर्टिका सवार व्यक्तियों ने अगवा कर लिया था। मामले में पिता अरविंद तिवारी की तहरीर पर मामला दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी हुई थी। इसको लेकर एसपी की तरफ से जल्द खुलासे के निर्देश दिए गए थे। क्षेत्राधिकारी पिपरी प्रदीप सिंह चंदेल ने बताया कि छानबीन के दौरान पता चला कि कार का नंबर हरियाणा का है। टोल प्लाजा और अन्य जगहों से जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि आरोपी, युवक को हरियाणा ले गए हैं। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो आरोपी मामले को मैनेज करने में जुट गए।

बताते हैं कि वह दोबारा युवक को लेकर सोनभद्र आ पहुंचे और युवक को लेकर उसके पिता से मुलाकात के लिए जाते समय पुलिस ने घेरेबंदी कर, अपहृत को सकुशल बरामद करने के साथ ही विजय सिंह पुत्र शिवनरेश सिंह निवासी मदूरी, थाना सजेती, जनपद कानपुर नगर, हाल पता धारूहेड़ा सेक्टर नम्बर 06 थाना धारूहेड़ा, जनपद रेवाड़ी, हरियाणा को दबोच लिया। मामले में दिनेश यादव उर्फ विक्की पुत्र हरिप्रसाद यादव निवासी खलियावास मोहल्ला वार्ड नंबर छह, और नीरज यादव उर्फ पंकज निवासी सेक्टर नंबर दह धारुहेड़ा, थाना धारुहेड़ा, जिला रेवाड़ी, हरियाणा को भी संलिप्त पाया गया है, जिनकी तलाश जारी है।

नौकरी के नाम पर ली गई रकम लौटानी न पड़े, इसलिए किया गया अगवा

क्षेत्राधिकारी प्रदीप सिंह चंदेल ने बताया कि घटना के पीछे पूरी तरह से लेन-देन का मामला था। आरोपियों ने, अपहृत युवक की हरियाणा के सचिवालय में नौकरी दिलवाने के नाम आठ लाख रूपये ले रखा था। नौकरी न लगने पर जब रूपये की मांग की तो विवाद की स्थिति बन गई। इसको लेकर युवक की तरफ से न्यायालय में एक मुकदमा भी दाखिल किया था जिसमें आरोपी हाजिर नहीं हो रहे थे। दबाव बढ़ता देख आरोपियों ने युवक को अगवा कर मामले के सेटलमेंट की कोशिश शुरू कर दी ताकि रकम न लौटाना पड़े। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि पकडे़ गए और प्रकाश में आए आरोपियों के आपराधिक इतिहास के साथ ही उनका कोई नौकरी दिलाने का सिंडीकेट तो नहीं है, इसकी भी जांच कराई जा रही है। मामले में धारा 364, 394, 411 आईपीसी के तहत कार्रवाई की गई है। गिरफ्तारी में चौकी प्रभारी बीना शिवकुमार सिंह के अगुवाई वाली टीम की भूमिका प्रमुख रही।

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