Sonbhadra News : बारिश की पानी के साथ कोयला खदान के मलबे ने ढाया कहर, दर्जनों घरों में घुसा पानी-मलबा, हड़कंप

Sonbhadra News : शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया बाजार स्थित नाई बस्ती में बारिश के पानी के साथ घुसे कोयला खदान के मलबे ने हड़कंप मचा दिया।

Update: 2024-08-27 15:58 GMT

Sonbhadra News : शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया बाजार स्थित नाई बस्ती में बारिश के पानी के साथ घुसे कोयला खदान के मलबे ने हड़कंप मचा दिया। घर में बारिश के पानी के साथ ही मलबा भरने से कई परिवारों को खुले छत के नीचे रहने की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोगों ने जहां दूसरे के घरों में शरण ली है। वहीं कई लोग खुले आसमान के नीचे रहकर राहत की उम्मीद में, अपने घरों पर टकटकी लगाए हुए हैं। 

बताते हैं कि सोमवार और मंगलवार को हुई मजे की बारिश शक्तिनगर इलाके के खड़िया बाजार स्थित नाई बस्ती के बाशिंदों के लिए आफत बनकर आई। ग्रामीणों के मुताबिक एनसीएल की कोल खदान से पानी निकासी के लिए बने नालों की महज कागजों पर सफाई कार्य होने के कारण, कोल खदान से निकला पानी नाली के मलबे के साथ ही उफान मारते हुए, नई बस्ती के दो दर्जन से अधिक घरों में घुस गया। घर में बारिश के पानी के साथ ही मालवा भर पानी घुसने से हर तरफ अफरा तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।

जो जिस हालत में था, उसे उसी हाल में भागना पड़ा

हालात को देखते हुए जो जिस हालत में था उसने सुरक्षित जगह की तरफ भागने में ही भलाई समझी। सोमवार देर रात से शुरू हुआ बारिश के पानी के साथ घुसने वाले मलबे का कहर मंगलवार शाम तक बस्ती वासियों की नींद उड़ाए रहा। मजबूरन लोगों को अपने बच्चों के साथ नित्य क्रिया के लिए दूसरों के यहां मदद की गुहार लगानी पड़ी। पूरे दिन लोग राहत की उम्मीद लगाए रहे लेकिन कहीं से भी बस्ती के लोगों को मदद नहीं पहुंची। अपने स्तर से ही ग्रामीण पानी निकासी की व्यवस्था में जुटे रहे लेकिन मलबा युक्त पानी के घुसने का क्रम जारी रहने से, बस्ती के बाशिंदों में हड़कंप की स्थिति बनी रही। बस्ती के लोगों का कहना था कि तपिश के समय धूल भरी आंधी परेशानी का कारण बनी रहती है। बारिश में मलबा युक्त पानी का कहर, आफत बनकर टूटता है। ग्रामीणों की बातों पर यकीन करें तो इसको लेकर एनसीएल प्रबंधन सहित स्थानीय प्रशासन से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन प्रभावी राहत अब तक नसीब नहीं हो पाई है।


सिल्ट सफाई के लिए दी गई थी नोटिस: प्रधान

प्रधान खड़िया विजय गुप्ता का कहना है कि सिल्ट सफाई के लिए कोल प्रबंधन को लिखित और मौखिक दोनों तरीके से सूचना दी गई थी लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। कहा कि नाई बस्ती का इलाका निचले क्षेत्र में होने के कारण, तेज बारिश होने के समय बस्ती को डूबने की भी आशंका जताई गई थी लेकिन प्रबंधन के लोगों ने उदासीनता बरती। बस्ती में पानी घुसने के बाद भी खड़िया कोल प्रबंधन को लिखित सूचना भेजी गई है। कहा कि संबंधित बस्ती के साथ पूर्व में भी इस तरह की स्थिति सामने आती रही है। अगर नाले के सिल्ट सफाई को लेकर ध्यान दिया गया होता तो ऐसी नौबत न आ पाती।

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