Sonbhadra News: सीएचसी में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की थमी सांसें, संस्थागत प्रसव के दौरान बड़ी लापरवाही का आरोप
Sonbhadra News: दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के बीड़र गांव निवासी राजेंद्र की एक वर्ष पूर्व म्योरपुर थाना क्षेत्र के मचबंधवा निवासी प्रीती 19 वर्ष से शादी हुई थी। प्रसव पीड़ा पर शनिवार की भोर में लगभग साढे तीन बजे दुद्धी स्थित सीएचसी में भर्ती कराया गया।;
Sonbhadra News: दुद्धी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों की मौत से हडकंप मच गया। परिवार के लोगों ने प्रसव के समय ब़ड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है। बच्चे की अस्पताल में और प्रसूता की मौत दुद्धी से जिला अस्पताल समय कुछ दूर आगे बढ़ने पर ही हो जाने के बाद, जबरिया जिला अस्पताल पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। देर शाम शव लेकर घर लौटे परिजनों में कोहराम की स्थिति बनी हुई थी। वहीं, संबंधित स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की जा रही थी।
बताया जा रहा है कि दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के बीड़र गांव निवासी राजेंद्र की एक वर्ष पूर्व म्योरपुर थाना क्षेत्र के मचबंधवा निवासी प्रीती 19 वर्ष से शादी हुई थी। प्रसव पीड़ा पर शनिवार की भोर में लगभग साढे तीन बजे दुद्धी स्थित सीएचसी में भर्ती कराया गया। परिजनों का दावा है कि जांच में सब कुछ सही पाया गया। सुबह सा़ढ़े आठ बजे के करीब नार्मल डिलेवरी कराई गई लेकिन प्रसव के दौरान बरती गई लापरवाही के चलते, जहां पैदा हुई नवजात बच्ची ने आधे घंटे बाद ही दम तो़ड़ दिया वहीं, प्रसूता को तेजी से रक्तस्राव शुरू हो गया। प्रसव कक्ष से लेकर बेड तक लगातार रक्तस्राव पर परिजनों ने नाराजगी जताई, तब वहां बकौल परिजन दोपहर 12 बजे के करीब बड़े डॉक्टर पहुंचे और उन्होंने स्थिति गंभीर बताते हुए, लगभग साढ़े 12 बजे एंबुलेस के जरिए जिला अस्पताल रवाना करवा दिया।
रास्ते में मौत के बाद भी जबरिया पहुंचाया गया जिला अस्पताल
पति राजेंद्र, सास राजकुमारी और मृतका की बहन असनिया का फोन पर कहना था कि उन लोगों ने प्रसव के पहले सब कुछ ठीक होने, प्रसव के बाद अचानक स्थिति बिग़ड़ जाने और बच्चे की मौत के बाद जच्चा की भी अत्यधिक खराब स्थिति के देखते हुए, पास के एक निजी अस्पताल में दिखवाने की बात कही तो उन्हें डांटकर चुप करा दिया और सीधे जिला अस्पताल जाने को कहा गया। जिला अस्पताल जाते समय, महज आधे घंटे बाद हथवानी में प्रसूता की मौत हो गई। पति राजेंद्र का कहना था कि उन्होंने एंबुलेंस चालक को वापस लौटने के लिए कहा लेकिन उसने मना कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने रास्ते में ही मौत हो जाने की जानकारी दी।
दावाः सफाई के दौरान की गई लापरवाही
बहन असनिया का कहना था कि प्रसव के पहले जांच में जच्चा-बच्चा दोनों को सही बताया गया लेकिन प्रसव के बाद जहां बच्ची की स्थिति खराब मिली। वहीं, प्रसव के बाद, अंदर कचड़ा फंसे होने की बात कहते हुए सफाई की गई। इसी दौरान कोई ऐसी लापरवाही की गई जिससे तेजी से रक्तस्राव की स्थिति बन गई। तेजी से रक्तस्राव के बाद भी तत्काल जिला अस्पताल न भेजकर, सीएचसी स्तर पर ही मामले को दो से ढाई घंटे तक दबाए रखने की कोशिश का आरोप लगाया जा रहा है। इसको लेकर सीएचसी प्रभारी डा. शाह आलम से फोन पर बात की गई। उनका कहना था कि वह प्रकरण में, संबंधित महिला चिकित्सक से बात करेंगे। प्रसव में लापरवाही हुई है या नहीं, यह संबंधित महिला चिकित्सक से बात करने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।