पौधरोपण अभियान शुरू करने पहुंचे प्रभारी मंत्री का किसानों ने रोका रास्ता, जताया विरोध
Sonbhadra News: किसानों द्वारा रास्ता रोके जाने के सवाल पर प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि किसानों ने रास्ता नहीं रोका था। वह नहर से जुड़ी नाली को कब्जाने की शिकायत को लेकर एकत्रित हुए थे।
Sonbhadra News: राबटर्सगंज तहसील क्षेत्र के विरधी ग्राम पंचायत अंतर्गत छतेहरी गांव में पौधरोपण अभियान का शुभारंभ करने पहुंचे प्रभारी मंत्री रविंद्र जायसवाल का किसानों ने रास्ता रोककर हड़कंप मचा दिया। प्रधान सियाराम सिंह पटेल की अगुवाई में दर्जनों किसान पाटी गई नाली को खुलवाने की मांग करते हुए, देर तक सडक पर धरने की शक्ल में बैठे रहे। क्षेत्राधिकारी नगर डा. चारू द्विवेदी और एसडीएम सदर प्रमोद तिवारी ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर रास्ते से हटाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। सदर विधायक भूपेश चौबे ने प्रभारी मंत्री से किसानों की वार्ता कराई और प्रभारी मंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए, डीएम को प्रकरण में अविलंब कार्रवाई के निर्देश दिए, तब जाकर किसान शांत हुए।
यह था मामला, इसको लेकर उठाई जा रही थी आवाज
धरने की शक्ल में सड़क पर बैठे प्रधान सियाराम सिंह पटेल, नाली का मामला पिछले आठ साल से उलझा हुआ है। बताया कि नहर से लगी नाली दो शाखाओं से बटी थी, जिससे पूरे गांव के किसानों के फसलों की सिंचाई होती थी। आरोप लगाया कि गांव के ही एक दबंग किस्म के व्यक्ति ने नाली की एक शाखा का अस्तित्व समाप्त कर पूरी तरह से अपने खेत में मिला लिया। वहीं, इस वर्ष नाली की दूसरी शाखा पर भी ट्रैक्टर से मिट्टी गिराकर ब्लाक कर दिया गया है।
किसानों की मांग थी कि जहां दोनों नालियों को पूर्व की भांति बहाल कराया जाए, वहीं डीएमएफ कोटे से पूरी नाली का पक्कीकरण कराया जाए। उनका कहना था कि जहां तक उन लोगों की जानकारी है कि नाली पहले से नोटीफाइड है। वर्षों से विद्यमान है। अगर यह नाली संबंधित व्यक्ति के काश्त की जमीन पर हो तो बगल में मौजूद नजूल की जमीन, जिसे संबंधित व्यक्ति द्वारा कब्जा कर जोता जा रहा है, उसके एवज में नाली बहाल कराई जाए।
डीएम को दिए गए हैं कार्रवाई के निर्देशः प्रभारी मंत्री
किसानों द्वारा रास्ता रोके जाने के सवाल पर प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि किसानों ने रास्ता नहीं रोका था। वह नहर से जुड़ी नाली को कब्जाने की शिकायत को लेकर एकत्रित हुए थे। उनकी शिकायत सुनी गई है और मामले में डीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अगर नाली सरकारी जमीन पर है तो उसे काटना-कब्जाना अपराध है। ऐसा होने पर मामले में एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं। अगर नाली काश्त की जमीन पर है तो उसका वैकल्पिक हल निकालकर किसानों को, सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।