Sonbhadra News: खाद-बीज की ली जा रही थी ऊंची कीमत, दो का लाइसेंस निलंबित, दो को नोटिस, जांच के लिए उठाए गए 18 नमूने
Sonbhadra News: जिला कृषि अधिकारी डा. हरि कृष्ण मिश्रा, सहायक निदेशक मत्स्य आरके श्रीवास्तव द्वारा शाहगंज और घोरावल कस्बे में उर्वरक तथा बीज के प्रतिष्ठानों की जांच की गई।
Sonbhadra News: खाद-बीज की अधिक कीमत वसूलने की मिल रही शिकायतों को लेकर शुक्रवार को घोरावल-शाहगंज क्षेत्र में छापेमारी-औचक चेंकिग अभियान चलाया गया। इस दौरान अधिक कीमत पर खाद-बीज बेचने की मिली शिकायत पर दो दुकानों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। वहीं, दो दुकानदार टीम के पहुंचते ही शटर गिराकर भाग खड़े हुए, इसके लिए उन्हें नोटिस जारी की गई। वहीं, खाद-बीज की गुणवत्ता जांचने के लिए कुल 180 नमूनों की सैंपलिंग कराई गई।
रेट सूची और स्टॉक-वितरण रजिस्टर पाए गए नदारद
जिला कृषि अधिकारी डा. हरि कृष्ण मिश्रा, सहायक निदेशक मत्स्य आरके श्रीवास्तव द्वारा शाहगंज और घोरावल कस्बे में उर्वरक तथा बीज के प्रतिष्ठानों की जांच की गई। खरीदारी करने पहुंचे किसानों से भी स्थिति की जानकारी ली गई। शाहगंज में लालजी पुत्र तपेशी निवासी बालडीह ने मेसर्स परमेश्वर बीज एवं खाद भंडार से 1500 में डीएपी क्रय किए जाने की जानकादी दी। दुकान के निरीक्षण के समय रेट सूची न मिलने, अभिलेखों को अपडेट न करने जैसी अनियमितताओं के कारण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इसी तरह खरुआंवं में मेसर्स आदर्श बीज एवं खाद भंडार प्रोपराइटर गोपाल यादव के प्रतिष्ठान पर कृषक बाबूलाल और सोना निवासी धरमौली ने बीज अधिक मूल्य पर बेचने की शिकायत की। स्टॉक एवं वितरण रजिस्टर नहीं दिखाया गया। इस कारण इस दुकान का भी लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।
टीम पहुंचने की सूचना पाकर कई दुकानदार हो गए फरार
मेंसर्स मां विंध्यवासिनी इंटरप्राइजेज प्रोपराइटर कृष्ण कुमार पांडेय और मेसयर्स जनता खाद एवं बीज भंडार के संचालक टीम पहुंचने की सूचना पाकर, शटर गिरा फरार हो गए। इस पर संबंधितों को नोटिस जारी किया गया। वहीं, बीजों की गुणवत्ता संदिग्ध प्रतीत होने पर कुल 18 नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए संग्रहित किए गए। कृषकों से अपील की गई कि गुणवत्ता पूर्ण बीज को कैश मेमो के साथ क्रय करें। विक्रेताओं को चेतावनी दी गई कि कृषकों को उचित रेट पर कृषि निवेशों का वितरण करें। अन्यथाकी स्थिति में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।