Sonbhadra News: डा. संजय निषाद बोले- न मछली उर्दू पढ़ती है, न मछुआरा, फिर मत्स्य विभाग में क्यों की गई...
Sonbhadra News: डा.संजय निषाद ने कहा कि तीनों दलों ने मिलकर सिर्फ मछुआ समाज के हक को लूटने का काम किया। पूर्व में मत्स्य विभाग में उर्दू अनुवादकों की भर्ती मसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस समय मत्स्य विभाग में मछुआ पदों को फ्रीज कर उर्दू अनुवादक के रूप में विशेष लोगों की भर्ती की गई थी, उस समय यूपी में सपा-बसपा की सरकार थी।
Sonbhadra News: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के मत्स्य विभाग मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने मंगलवार को सपा-बसपा पर बड़ा हमला बोला। सोनभद्र में संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ जिला मुख्यालय पर सर्किट हाउस में आयोजित विचार गोष्ठी में जहां उन्होंने भगवान राम और निषादराज के संबंधों का खूब बखान किया। वहीं पत्रकारों से वार्ता करते हुए सपा-बसपा के साथ ही परोक्ष रूप से कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। कहा कि तीनों दलों ने मिलकर सिर्फ मछुआ समाज के हक को लूटने का काम किया। पूर्व में मत्स्य विभाग में उर्दू अनुवादकों की भर्ती मसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस समय मत्स्य विभाग में मछुआ पदों को फ्रीज कर उर्दू अनुवादक के रूप में विशेष लोगों की भर्ती की गई थी, उस समय यूपी में सपा-बसपा की सरकार थी। वहीं केंद्र में उनके समर्थन वाली सरकार थी। तीनों ने मिलकर मछुआ समाज के साथ नाइंसाफी की। न मछली उर्दू पढ़ती है न ही मछुआरा उर्दू पढ़ता है। यह जानते हुए भी मत्स्य विभाग में उर्दू अनुवादक की भर्ती की गई। मछुआ समाज कमजोर था, इनकी नौकरियों को लूटना था, इनको धोखा देना था, इसलिए अन्य विभागों की बजाय मत्स्य विभाग में इस तरह से भर्ती की गई।
मछुआरों के लिए की जा रही पहल के लिए सीएम का जताया धन्यवाद
मछुआ समाज के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद जताते हुए कहा कि सीएम ने इस मसले को गंभीरता से लिया है और उन्होंने उनसे प्रत्येक जिले में 8 से 10 मछुआ पदों पर भर्ती के लिए फाइल तैयार करने के लिए कहा है ताकि कर्मियों की कमी के चलते मत्स्य व्यवस्था को लेकर जागरूकता और योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कत को दूर किया जा सके।
धंधरौल-रिहंद डैम में केज कल्चर को दिया जाएगा बढ़ावा
मंत्री ने कहा कि मछुआ समाज के साथ ही मत्स्य व्यवसाय से जुड़ी अन्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जलाशय में जलाशय यानी, जिले के प्रमुख जलाशय रिहंद और धंधरौल के 10 प्रतिशत भाग पर केज कल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक इच्छुक महिला को मत्स्य पालन के लिए 10-10 केज की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
लोकसभा में मजबूत भागीदारी की तैयारी कर रही निषाद पार्टी
डा. संजय निषाद ने निकाय चुनाव में चोपन नगर पंचायत के लिए सोनभद्र में इंट्री को जहां ऐतिहासिक कामयाबी बताया। वहीं लोकसभा-विधानसभा चुनाव के जरिए सोनभद्र में मौजूदगी की इच्छा जताने के साथ ही, लोकसभा 2024 की तैयारियों को लेकर काफी कुछ संकेत दिया। कहा कि निषाद पार्टी चाहती है कि प्रत्येक जिले और प्रत्येक विधानसभा में निषाद पार्टी का विधायक हो ताकि मछुआ समाज की आवाज मजबूती से उठाई जा सके। सोनभद्र में इस समाज की अच्छी-खासी आबादी है, इसलिए यहां इस मसले को पार्टी विशेष तरजीह देगी। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी उन्होंने कहा कि जिस तरह से अपना दल ने लोकसभा में अपनी उपस्थिति जताई है। उसी तरह निषाद पार्टी भी 2024 के चुनाव के जरिए लोकसभा में मजबूत उपस्थित दर्ज कराएगी। भाजपा के साथ टिकट बंटवारे के मसले पर कहा कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि जिस तरह से सम्मान 2022 के विधानसभा चुनाव में दिया गया, उसी तरह से सम्मान भाजपा का शीर्ष नेतृत्व 2024 में भी देगा।
निषाद समाज का लिया होता सहयोग तो नहीं होती राज्यमंत्री के गढ़ में हार
पूरे प्रदेश में निकाय चुनाव में परचम लहराने के बावजूद, सोनभद्र में राज्यमंत्री के गढ़ में खासकर उनकी गृह क्षेत्र सीट डाला में हार के मसले पर कहा कि चोपन में उन्हें भाजपा का पूरा सहयोग मिला और ऐतिहासिक जीत भी मिली। उन्हें लगता है कि डाला में निषाद पार्टी के लोगों का पूरा सहयोग नहीं लिया गया, इसलिए अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। हालांकि अगले ही क्षण उन्होंने निषाद पार्टी का सहयोग नहीं लिया, इसलिए हार मिली के सवाल पर कहा कि हार के एक नहीं कई कारण हो सकते हैं। स्थानीय मुद्दे, स्थानीय स्थितियां प्रमुख भूमिका निभाती हैं। उनका यह मानना है कि स्थानीय स्तर पर निषाद पार्टी का भी पूरा सहयोग लिया जाना चाहिए था, जिस तरह से उन्हें भाजपा का पूरा-पूरा सहयोग मिला।