Sonbhadra News: सांसद छोटेलाल सहित 11 को हाईकोर्ट से नोटिस जारी, डिप्टी रजिस्ट्रार ने सार्वजनिक की सूचना
Sonbhadra News: बताते चलें कि अपना दल एस की उम्मीदवार रहीं रिकी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सपा सांसद छोटेलाल के निर्वाचन को चुनौती दी गई है।
Sonbhadra News: राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र से भाजपा गठबंधन प्रत्याशी रही रिंकी सिंह (रिंकी कोल) की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर हाईकोर्ट की ओर से सपा सांसद छोटेलाल खरवार सहित संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवारी करने वाले कुल 11 प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर दी गई है। इसको लेकर हाईकोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार की तरफ से सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए पक्षकारों को 12 सितंबर की दोपहर दो बजे या इससे पहले उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। 12 सितंबर तक, याचिका में उल्लिखित तथ्यों पर जवाब/लिखित बयान भी दाखिल करने की हिदायत दी गई है। ऐसा न किए जाने पर संबंधित बेंच की तरफ से, पक्षकार की गैरहाजिरी मानते हुए, एकपक्षीय निर्णय लिए जाने के लिए चेताया गया है।
जाति प्रमाणपत्र-निवास के मसले पर दी गई है चुनौती
बताते चलें कि अपना दल एस की उम्मीदवार रहीं रिकी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सपा सांसद छोटेलाल के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। याचिका में जाति प्रमाणपत्र और निवास के मसले को लेकर, छोटेलाल के निर्वाचन पर सवाल तो उठाए ही गए हैं। नामांकन के साथ दाखिल शपथ पत्र में पहली पत्नी से जुडे तथ्यों का उल्लेख न किए जाने को लेकर भी, सांसद के निर्वाचन की वैधता को चुनौती दी गई है।
इनको-इनको जारी की गई है नोटिस
ममले में हाईकोर्ट की तरफ से सांसद छोटेलाल खरवार के अलावा, उम्मीदवार रहे धनेश्वर, अरविंद कुमार भारती, अशोक कुमार कन्नौजिया, चंद्रिका प्रसाद, प्रभुदयाल, रामशिरोमणि, शिवपूजन, शुभागी, सुकालू और सोनू निगम को नोटिस जारी करते हुए, 12 सितंबर को हाईकोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करने और याचिका में उल्लिखित तथ्यों को लेकर, जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।
छोटेलाल के अलावा अन्य की भूमिका फार्मल पक्षकार
अद एस विधिक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि मामले में सांसद छोटेलाल मुख्य पक्षकार हैं। शेष 10 लोग जो, राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार रहे हैं, को फार्मल पक्षकार बनाया गया है। अगर याचिका के परिप्रेक्ष्य में वह भी अपनी कोई बात हाईकोर्ट के सामने रखना चाहते हैं तो निर्धारित तिथि को उपस्थिति दर्ज कराने के साथ ही, अपनी बात/पक्ष से हाईकोर्ट को अवगत करा सकते हैं।