Sonbhadra News: हेरोइन तस्करी करते पकड़े गए 'प्रेमनाथ' को 20 वर्ष की कैद, 13 वर्ष पूर्व हुई थी गिरफ्तारी, दो लाख अर्थदंड
Sonbhadra News: 13 वर्ष पूर्व हेरोइन तस्करी करते पकड़े गए भदोही जनपद निवासी प्रेमनाथ दुबे उर्फ मुन्ना को 20 वर्ष कैद और दो लाख अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
Sonbhadra News: 13 वर्ष पूर्व हेरोइन तस्करी करते पकड़े गए भदोही जनपद निवासी प्रेमनाथ दुबे उर्फ मुन्ना को 20 वर्ष कैद और दो लाख अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दो साल अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई की और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों व अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए, दोषसिद्ध पाया और दोषी प्रेमनाथ को 20 वर्ष की कैद व दो लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।
अभियोजन कथानक के मुताबिक 8/9 दिसंबर 2009 को पिपरी थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विजयमल सिंह यादव औररेणुकूट चौकी प्रभारी दीपेंद्र कुमार सिंह पुलिस बल के रेणुकूट स्टेशन तिराहे के पास मौजूद थे। तभी देखा कि दो लोग स्टेशन की तरफ से आ रहे हैं। अचानक पुलिस को देखकर दोनों पीछे मुड़कर भागने लगे। शक होने पर दोनों को दौड़ाकर दबोच लिया गया। तलाशी ली गई तो उनके कब्जे से क्रमशः 250 ग्राम हेरोइन और 30 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना नाम पता क्रमशः प्रेमनाथ दुबे उर्फ मुन्ना पुत्र अमृतलाल निवासी नुआव, थाना औराई, जिला संत रविदास नगर भदोही व रामशिरोमणि उर्फ रामू पुत्र देवराज पासी निवासी नुआव, थाना औराई , जिला संतरविदास नगर भदोही बताया।
एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में धारा 8/21 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए विवेचक ने प्रेमनाथ दुबे उर्फ मुन्ना के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया।
दो लाख अर्थदंड की सजा
इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी प्रेमनाथ दुबे उर्फ मुन्ना को 20 वर्ष की कैद तथा दो लाख अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। न्यायालय की तरफ से दोषी के कब्जे से बरामद की गई 250 ग्राम हेरोइन को भी नष्ट करने का आदेश दिया गया है। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता शशांक शेखर मिश्र ने की।