Sonbhadra: आठ जिलों में ड्राप आउट बच्चियों के दाखिले की मुहिम शुरू, चलेगा बालिका शिक्षा का विशेष अभियान

Sonbhadra News: इस अभियान के जरिए सभी बालिकाओं के लिए इंटर तक की शिक्षा अविार्य बनाने के लिए, कक्षा पांच, कक्षा आठ और हाईस्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ने वाली बच्चियों की तलाश की जाएगी।

Update: 2024-06-27 13:32 GMT

Symbolic Image (Pic: Social Media)

Sonbhadra News: केंद्र सरकार की तरफ से विभिन्न संस्थाओं के जरिए बालिका शिक्षा को लेकर विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के लिए अन्य राज्यों के विभिन्न जनपदों के साथ ही, यूपी में सोनभद्र सहित आठ जिलों में इस मुहिम को अमलीजामा पहनाने की रणनीति बनाई गई है। 15 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान की शुरूआत सोनभद्र में नगवां ब्लॉक से की गई है, जिसे बढ़ाकर पूरे जिले में ले जाया जाएगा।

बाल अधिकार संगठन चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) और उसकी सहयोगी संस्था सोनभद्र विकास समिति की ओर से शुरू की गई। इस मुहिम की शुरूआत नगवां और राबटर्सगंज ब्लाक के नंदना, वीरनचुआ, लौवा सहित अन्य गांवों से की गई। सोनभद्र विकास समिति के संस्थापक सचिव एवं क्राई के सहयोगी राजेश चौबे ने बताया कि यूपी में इस अभियान की शुरूआत सोनभद्र के अलावा राजधानी लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, कौशांबी, बदायूं, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर और चंदौली जिले मे भी की गई है।

ड्राप आउट बच्चियों की तलाश कर स्कूलों में कराया जाएगा दाखिला

इस अभियान के जरिए सभी बालिकाओं के लिए इंटर तक की शिक्षा अविार्य बनाने के लिए, कक्षा पांच, कक्षा आठ और हाईस्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ने वाली बच्चियों की तलाश की जाएगी। ऐसे बच्चियों और उनके परिवार वालों को शिक्षा के लिए जागरूक कर नजदीकी स्कूल/कालेज में दाखिला कराया जाएगा। बच्चियों को शिक्षा ग्रहण करने में कोई दिक्कत न आने पाए, इसके लिए उन्हें जरूरी मदद भी मुहैया कराई जाएगी। जन जागरूकता रैलियां, हस्ताक्षर अभियान सहित अन्य आउटरीच कार्यक्रमों के जरिए भी ग्रामीणों को शिक्षा का महत्व समझाया जाएगा।

महिला सशक्तिकरण के लिए 12वीं तक की शिक्षा जरूरी

क्राई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा मारवाह का कहना है कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रत्येक बालिका के लिए 12वीं यानी माध्यमिक स्तर की उच्च शिक्षा ग्रहण करना जरूरी है। इससे भी ज्यादा जरूरी है कि प्राथमिक शिक्षा के बाद, घर बैठने वाली लड़कियां आगे बढ़कर शिक्षा ग्रहण करें और दूसरी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा बनकर उभरें। कहा कि इससे जहां महिलाएं अपने अधिकार के प्रति सशक्त होंगी, वहीं, बाल विवाह जैसी कुरीतियों को भी पूर्ण रूप से खत्म किया जा सकेगा।

महज 58.02 प्रतिशत लड़कियां ग्रहण कर पा रहीं 12वीं तक की शिक्षा

बताया जा रहा है कि बालिका शिक्षा को लेकर अब तक जो आंकड़े आए हैं, उसके मुताबिक महज 58.02 प्रतिशत लड़कियां ही उच्च माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच पा रही हैं। इसको देखते हुए जरूरी है कि स्कूल ड्रॉप आउट बच्चियों और उनके अभिभावकों को आगे की शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाए।

Tags:    

Similar News