Sonbhadra News: लापरवाही पर डीएम सख्त, स्वास्थ्य महकमे के अफसरों को नोटिस, मानदेय पर रोक

Sonbhadra News: डीएम ने कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर स्वास्थ्य महकमे से जुडे कई अफसरों को नोटिस जारी करने के साथ ही, दो के मानदेय पर रोक लगाने का निर्देश दिए।

Update: 2024-06-28 13:26 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: जिलाधिकारी चद्र विजय सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति शासी निकाय की बैठक हुई। इस दौरान कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर स्वास्थ्य महकमे से जुडे कई अफसरों को नोटिस जारी करने के साथ ही, दो के मानदेय पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया। निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी के शिकायत पर, संबंधित जेई के निलंबन की संस्तुति के निर्देश दिए गए।

बैठक के दौरान डीएम ने अनटाईड फंड में व्यय की गई धनराशि की स्थिति जांची। पाया कि धनराशि के खर्च में शिथिलता बरती जा रही है। इस पर डीपीएम (डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर) और डीएएम (डिस्ट्रिक्ट एकाउंट मैनेजर) को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। कहा कि सभी सीएचसी/पीएचसी के प्रभारी अनटाईड फंड की धनराशि समय से व्यय करना सुनिश्चित करें। इसमें शिथिलता बरतने पर विकास के कार्य प्रभावित होते हैं। इसी तरह जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रसूता महिलाओं के खाते में भेजे जाने वाली धनराशि के भुगतान की प्रगति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगवां में धीमी पाई गई। इस पर डीएम ने डीएएम, डीसीपीएम (डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोग्राम मैनेजर) को नोटिस जारी करने के साथ ही, मानदेय भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दिया।

निर्माण कार्यों की प्रगति धीमी, कार्रवाई के निर्देश

जिलाधिकारी ने यूपीआरएनएस द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति धीमी पाए जाने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले जेई के निलंबन के संस्तुति की कार्रवाई अविलंब सुनिश्चित की जाए। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य व सब सेन्टर पर हो रही डिलेवरी की भी प्रगति जांचते हुए जरूरी निर्देश दिया।

चिकित्सकों की उपलब्धता के आधार पर ही करें पंजीयन: डीएम

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी और नोडल अधिकारी पंजीयन निजी चिकित्सालय को निर्देशित किया कि किसी भी चिकित्सालय में चिकित्सकों के उपलब्धता के आधार पर ही, मल्टी स्पेशलिस्ट हास्पिटल/ट्रामा सेंटर का पंजीकरण किया जाए। चिकित्सकों की सुविधा उपलब्ध होने पर ही बोर्ड पर मल्टी स्पेशलिस्ट हास्पिटल का अंकन किया जाए। अन्यथा की स्थिति में संबंधित चिकित्सालय के खिलाफ क्लीनिकल स्टेब्लिसमेंट (पंजीकरण एवं नियमन) एक्ट 2010 एवं 2016 के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई की जाए।

बगैर पंजीयन संचालित न होने पाएं चिकित्सालय

डीएम ने निर्देशित किया कि बगैर पंजीकरण के कोई भी चिकित्सालय जनपद में संचालित पाया जाता है तो उसे तत्काल बंद कराते हुए संबंधित चिकित्सालय प्रबंधन के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। प्राइवेट चिकित्सालयों की संघन जंच नियमित रूप से संबंधित टीम के जरिए कराते रहे। डीएम ने चेताया कि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत अल्ट्रासाउंड कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, दवा की उपलब्धता, टीकाकरण, अल्टासाउंड आदि कार्यों को लेकर जरूरी निर्देश देते हुए, लापरवाही बरतने वाले आशा, एएनएम के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई/सेवा समाप्ति की हिदायत दी। मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार, एसीएमओ डॉ. आरजी यादव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

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