परिषद में अखिलेश की सुरक्षा को लेकर सपा वेल में, नहीं हो सका प्रश्नकाल
विधान परिषद में सोमवार को समाजवादी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बीते दिनों मिली धमकी और जनसभा में एक लड़के के घुसने का मामला उठाते हुए...
लखनऊ। विधान परिषद में सोमवार को समाजवादी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बीते दिनों मिली धमकी और जनसभा में एक लड़के के घुसने का मामला उठाते हुए प्रदेश की कानून-व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया। सपा सदस्य सदन शुरू होते ही वेल में आ गये, जिससे प्रश्न प्रहर नहीं चल सका।
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सदन की कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के सदस्य व नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभा में एक युवक द्वारा पूछे गये सवाल और जय श्रीराम का नारा लगाने के मामले को उनकी सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि इसके पहले भी उन्हें एसएमएस के माध्यम से धमकी दी गयी है।
अखिलेश के कार्यक्रमों की निगरानी और फोटोग्राफी कर रहे हैं
उनका आरोप था कि सरकार के इशारे पर उनके अधिकारी-कर्मचारी अखिलेश के कार्यक्रमों की निगरानी और फोटोग्राफी कर रहे हैं। जो गंभीर विषय है। सरकार ने उनकी सुरक्षा में कटौती की है। ऐसे में यह गंभीर विषय है। सरकार को उनकी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। इसके बाद सपा सदस्य वेल में आ गये और प्रदेश की कानून-व्यवस्था और अपने नेता की सुरक्षा को लेकर नारेबाज़ी और हंगामा करने लगे।
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सभापति रमेश यादव ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का अनुरोध किया। अनुरोध न मानने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही को आधे घण्टे के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद स्थगन का समय बारह बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया।
शून्य प्रहर में सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर नेता सदन एवं उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने कहा कि अखिलेश यादव को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है। उनकी सुरक्षा में 181 लोग तैनात हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा में कमी का फैसला केन्द्र सरकार का है।
उन्हें जो सुरक्षा दी गयी है, वह पर्याप्त है। उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार किसी भी स्तर पर लापरवाही न की जा रही है, और ना की जायेगी। सपा सदस्यों ने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से उनको अपमानित करने के लिए तरह-तरह के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। जिनका समर्थन पार्टी के नेताओं के साथ ही मुख्यमंत्री के दो सूचना सलाहकार और एक सांसद ने भी ट्वीट करके किया है।