Yamuna Expressway Rules: सावधान! यमुना एक्सप्रेस वे पर गाड़ी दौड़ाने से पहले पढ़ें नया नियम, 15 दिसम्बर से कटेगा चालान

Yamuna Expressway Speed Limit: यमुना एक्सप्रेस-वे पर 15 दिसंबर से वाहनों की रफ्तार कम होगी। हल्के वाहन सौ किमी प्रति घंटा के बजाए 80 किमी प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार से चलेंगे।

Update:2022-12-06 08:13 IST

यमुना एक्सप्रेस-वे पर 15 दिसंबर से स्पीड लिमिट कम कर दी जाएगी: Photo- Social Media

Yamuna Expressway Speed Limit: सर्दियों का मौसम (winter season) शुरू हो चुका है। दिल्ली और एनसीआर के जिलों में धुंध की चादर छाने लगी है। सर्दियों में विजिबिलिटी (Visibility on Yamuna Expressway) कम होने के कारण हाईवे एवं मुख्य मार्गों पर अक्सर सड़क हादसे की खबरें आती रहती हैं। घने कोहरे के कारण यमुना एक्सप्रेस (Yamuna Expressway) वे पर भी सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो जाता है। इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए यमुना प्राधिकरण हर साल वाहनों की रफ्तार को कम कर देता है। इस साल भी स्पीड पर काबू पाने की योजना तैयार कर ली गई है।

15 दिसंबर से यमुना एक्सप्रेस वे पर भारी वाहन केवल 60 किमी की और हल्के वाहन 80 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। यह प्रतिबंध दो महीनों तक लागू रहेगा। निर्धारित स्पीड लिमिट का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान कटेगा।

15 दिसंबर से 15 फरवरी तक रहेगा प्रतिबंध

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ अरूणवीर सिंह ने बताया कि आगामी 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक हल्के वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा रहेगी। वहीं, भारी वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा रहेगी। एक्सप्रेस पर यदि कोई तय लिमिट से अधिक स्पीड पर वाहन चलाते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। वाहन चालकों के चालान काटे जाएंगे।

हादसों में लगातार आ रही कमी

सर्दियों के मौसम में यमुना एक्सप्रेस वे पर सफर करना खतरे से खाली नहीं होता। घने कोहरे के कारण कई भीषण सड़क हादसे हो चुके हैं। इन हादसों से परेशान प्राधिकरण ने इसके रोकथाम को लेकर आईआईटी दिल्ली से सर्वे कराया था। आईआईटी दिल्ली ने अपने सर्वे रिपोर्ट में प्राधिकरण को एक्सप्रेस वे पर कुछ काम कराने का सुझाव दिया था। यमुना प्राधिकरण के निर्देश पर जेपी की ओर से एक्सप्रेस वे पर काम कराए गए हैं। उनका असर स्पष्ट तौर पर दिखने लगा है और अब एक्सप्रेस वे पर हादसों की संख्या घटकर 50 प्रतिशत रह गई है। 

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