Amethi News: 1.19 करोड़ से चमकेगा महाकवि मलिक मोहम्मद जायसी का शोध संस्थान

Amethi News: कई दशकों से उपेक्षा का दंश झेल रहे शोध संस्थान के जीर्णोद्धार के लिए पर्यटन विभाग द्वारा एक करोड़ 19 लाख की धनराशि स्वीकृत किए जाने के लिए डीपीआर शासन को भेजा गया है। अस्सी के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जायसी की जन्मस्थली के निर्माण की आधारशिला रखी थी।

Update:2023-04-01 00:06 IST

Amethi News: सूफी संत एवं महाकवि मोहम्मद जायसी की जन्मस्थली व शोध संस्थान के दिन अब बहुरने वाले हैं। कई दशकों से उपेक्षा का दंश झेल रहे शोध संस्थान के जीर्णोद्धार के लिए पर्यटन विभाग द्वारा एक करोड़ 19 लाख की धनराशि स्वीकृत किए जाने के लिए डीपीआर शासन को भेजा गया है। अस्सी के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जायसी की जन्मस्थली के निर्माण की आधारशिला रखी थी। स्थानीय लोगों ने शोध संस्थान के हालात सुधरने की उम्मीद पर खुशी जाहिर की है।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने रखी थी आधारशिला

महाकवि मलिक मोहम्मद जायसी की जन्म स्थली पर इस स्थल के निर्माण की आधार शिला 23 नवंबर 1988 मे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा रखी गई थी। शोध संस्थान के गेट का निर्माण 2018 में अमेठी के सांसद रहे राहुल गांधी ने कराया था। जिसकी लागत लगभग 38 लाख आई थी। उसके बाद से शोध संस्थान को देखने वाला कोई नहीं मिला। सरकार द्वारा लगातार उपेक्षा से शोध संस्थान आरामगाह बन गया। केयर टेकर व अन्य किसी भी प्रकार की सुविधाएं इस स्थल पर नहीं रहीं। लंबे अरसे बाद अब प्रदेश सरकार की मंशा को समझते हुए पर्यटन विभाग द्वारा इस स्थल के हालात सुधारने के लिए 1 करोड़ 19 लाख का डीपीआर भेजा गया है। जिसकी स्वीकृत अगले माह तक होने की संभावना है। स्वीकृत मिलने के बाद शोध संस्थान व जन्म स्थली को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।

ये कहते हैं स्थानीय लोग

सभासद प्रतिनिधि सादिक मेंहदी बताते हैं कि जन्मस्थली और शोध संस्थान में व्यवस्थाएं तो कुछ भी नहीं रही हैं। जो महाकवि के अपमान जैसा था। अब यहां हालात सुधरने की उम्मीद है। प्रशासन और नगरपालिका की तरफ से इंटरलॉकिंग का कार्य साल 2013 में हुआ था। तब से अभी तक रंग रोगन का कार्य तक नहीं हुआ। स्थानीय समाजसेवी महेश प्रसाद मौर्य कहते हैं कि मलिक मोहम्मद जायसी की जन्म स्थली व शोध संस्थान का व्यवस्थित रूप से सुंदरीकरण होना चाहिए। प्रशासन और शासन इसका सौंदर्यीकरण कराए। शोध संस्थान में पुस्तकालय बने। मलिक मोहम्मद जायसी शोध संस्थान तो है लेकिन वहां पुस्तक नाम की कोई चीज नहीं है।

ये बोले जिला पर्यटन अधिकारी

जिला पर्यटन अधिकारी अमेठी ने बताया कि यह निश्चित रूप से एक बड़ा पर्यटन स्थल है और संस्थान का नाम बड़ा है। हमने एक करोड़ 19 लाख का डीपीआर मलिक मोहम्मद जायसी शोध संस्था और स्मारक के लिए भेज दिया है। पार्क डेवलपमेंट,भवन का रिनोवेशन व इस तरह के कई कार्य इस डीपीआर में सम्मिलित है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही शासन से बजट मिलने के बाद यहां काम शुरू हो जाएगा।

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