Swar Bypolls 2023: स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को होगा मतदान, सपा का हिंदू कार्ड बढ़ा रहा बीजेपी की टेंशन
Swar Bypolls 2023: सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम की उस याचिका पर फैसला सुनाया है, जिसमें उन्होंने स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को होने वाले उपचुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी। इसी के साथ ही इस सीट पर हार-जीत का गुणा भाग और तेज हो गया है।
Swar Bypolls 2023: आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम को सुप्रीम कोर्ट से जोर का झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को होने वाले मतदान को रोकने से मना कर दिया है। छजलैट केस में अब्दुल्ला को दो साल की सजा मिलने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने उपचुनाव का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया था। इसके बाद अब्दुल्ला ने अपनी अयोग्यता पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से चुनाव रोकने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चुनाव पर रोक नहीं लगा रहे, लेकिन उसका परिणाम हमारे अंतिम आदेश पर निर्भर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर करने को भी कहा। अयोग्यता मामले की अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी।
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चुनाव आयोग ने स्वार विधानसभा सीट को लेकर चुनावी कार्यक्रम जारी कर दिया था। बाकायदा नामांकन भी दाखिल हो चुके हैं। इस सीट पर 10 मई को मतदान होना है, जिसका परिणाम 13 मई को आएगा। 20 अप्रैल को नामांकन का आखिरी दिन था। मुख्य मुकाबला बीजेपी गठबंधन प्रत्याशी अपना दल के शफीक अहमद अंसारी, समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अनुराधा चौहान और पीस पार्टी की नाजिया सिद्दीकी के बीच माना जा रहा है।
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सपा ने खेला हिंदू कार्ड
रामपुर की स्वार विधानसभा सीट पर उपचुनाव में आजम खान ने हिंदू कार्ड खेला है। उन्होंने दड़ियाल की रहने वाली पेशे से चिकित्सक डॉ. अनुराधा चौहान को प्रत्याशी बनाया है, जबकि बीजेपी गठबंधन ने मुस्लिम कैंडिडेट को उम्मीदवार बनाया है। 20 अप्रैल को नामांकन से पहले सपा ने मुस्लिम कैंडिडेट के नाम से दो-तीन पर्चे खरीदे थे, लेकिन ऐन वक्त पर नामांकन की अवधि खत्म होने के कुछ घंटे पहले ही हिंदू कैंडिडेट उतारकर सबको चौंका दिया।
आसान नहीं होगी बीजेपी की राह
स्वार में बीजेपी की राह आसान नहीं रहने वाली है। पार्टी ने यहां से सहयोगी पार्टी अपना दल एस के शफीक अहमद अंसारी को टिकट दिया है। सूत्रों की मानें तो भाजपाइयों का एक धड़ा नाराज है। उनका कहना है कि बीते कई वर्षों से मेहनत हम कर रहे थे और टिकट अपना दल के कैंडिडेट को दिया गया है। अंदर ही अंदर विरोध की बातें भी उठ रही हैं। इसके अलावा जिले के कुछ भाजपाइयों को लगता है कि आजम खान ने ऐन वक्त पर हिंदू कार्ड चलकर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। फिलहाल, इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है।