बिजली विभाग में निजीकरण का मामला हुआ गंभीर, बढ़ता जा रहा विरोध
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में आगामी 29 सितम्बर से 03 घंटे के कार्य बहिष्कार का एलान किया है
लखनऊ: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में आगामी 29 सितम्बर से 03 घंटे के कार्य बहिष्कार का एलान किया है तो वही ऊर्जा क्षेत्र के दलित व पिछड़े वर्ग के अभियन्ताओ की उप्र. पावर आफीसर्स एसोशिएसन ने भी निजीकरण का विरोध करते हुए इसे आरक्षण समाप्त करने की साजिश बताया है। एसोशिएसन का कहना है कि वह इस पर चुप नहीं बैठेगी और इसके विरोध के लिए प्रदेश के सभी मंत्रियों तथा पक्ष व विपक्ष के सभी जनप्रतिनिधियो और राजनेताओं से मुलाकात कर सहयोग मांगेगी।
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पूर्वांचल के निजीकरण की साजिश करना अपने आप में बड़ा सवाल है
इसी क्रम में एसोशिएसन के 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को प्रदेश के श्रम सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात करके बताया कि इस निजीकरण के जरिए जहां एक तरफ दलित व पिछड़ों का आरक्षण समाप्त करने की साजिश की जा रही वही दूसरी ओर इससे सबसे ज्यादा नुकसान प्रदेश के उपभोक्ताओ तथा बिजली कार्मिको का होगा जिस प्रकार से टोरेंट पावर कंपनी व नोएडा पावर कंपनी पूरी तरह से फेल साबित हुई है, उसका खामियाजा आज जनता भुगत रही है। इसके बावजूद पूर्वांचल के निजीकरण की साजिश करना अपने आप में बड़ा सवाल है।
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प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण पर रोक लगवाने के लिए सहयोग मांगा। जिस पर श्रम सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एसोशिएसन प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर उन्हे प्रतिनिधिमंडल की भावना से अवगत करायेंगे।
मनीष श्रीवास्तव
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