अब तक चमकता है जयपुर का ये 'गंगाजली कलश', खूबी पढ़ हो जाएंगे हैरान

इस अनोखे गंगाजली कलश की एक दिलचस्प बात यह भी है कि इसे इंडिया से ब्रिटेन जिस पानी के जहाज से ले जाया गया था, उसे भी पहले गंगाजल से धुला गया था। 

Update: 2019-08-06 10:50 GMT
अब तक चमकता है जयपुर का ये 'गंगाजली कलश', खूबी पढ़ हो जाएंगे हैरान

लखनऊ : भारत विश्व के प्रसिद्ध देशों में से एक है। हमारे देश की विशेषताएं इसको दुनिया के सारे देशों से बहुत अलग बनाती हैं। भारत की संस्कृति उसकी परंपराओं, भाषाओं, हस्तशिल्पों, मूल्यों, कलाओं और धर्मों आदि में दिखती है।

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देशभर से लाखों लोग भारत की खूबसूरती देखने आते हैं और यहां के खाने से लेकर मनोरंजन की हर चीज़ का लुत्फ़ उठाते हैं। भारत का अपना एक अलग इतिहास है जोकि दुनियाभर में काफी मशहूर है। यहां हर धर्म के लोग बहुत एकता से रहते और अपनी हर परंपरा को शिद्दत से निभाते हैं।

भारत में तमाम ऐसी चीज़े हैं जिनके बारे में शायद ही लोगों को पता होगा। आप यहां की पिंक सिटी के नाम से मशहूर शहर यानि ‘जयपुर’ के बारे में बहुत कुछ जानते होंगें। यहां की कुछ जगह जैसे हवा महल, एम्बर फोर्ट और जयपुर सिटी पैलेस तो लोगों मे खूब फेमस है, पर इस पिंक सिटी में एक ऐसी अनोखी चीज़ है जिसके बारे मे शायद ही आपको पता होगा।

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क्या आप जानते हैं, जयपुर के सिटी पैलेस में मौजूद है दुनिया का सबसे बड़ा चांदी का कलश। इस चांदी के कलश का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल है। ऐसा कहा जाता है कि महाराजा सवाई माधो सिंह की इच्छा का पालन करने के लिए साल 1894 में उनके आदेशानुसार शाही खज़ाने से तकरीबन 14000 चांदी के सिक्कों को आग में तपाकर यह कलश बनाया गया था।

इस कलश की ऊंचाई लगभग 5 फ़ीट 3 इंच है और गोलाई 14 फ़ीट 10 इंच है जबकि इस कलश का वज़न 345 किलोग्राम है। कला का बेहतरीन नमूना बन चुका ये चांदी का गंगाजली कलश दुनिया के सामने साल 1902 में आया जब ये कलश रॉयल ट्रिप पर ब्रिटेन पर ले जाया गया था।

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इस अनोखे गंगाजली कलश की एक दिलचस्प बात यह भी है कि इसे इंडिया से ब्रिटेन जिस पानी के जहाज से ले जाया गया था, उसे भी पहले गंगाजल से धुला गया था। इंडियन कल्चर और आर्ट का जीता जागता और बेहद शानदार उदाहरण माना जाने वाला यह कलश सच में अजब भी हैं और गज़ब भी।

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