'सत्ता भी गंवानी पड़ी तो कोई दिक्कत नहीं...', Ayodhya में CM Yogi ने ये क्या बोल दिया
UP News: अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मेरी तीन पीढ़ियां श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित थीं, मुझे इसमें कोई समस्या नहीं थी, लेकिन शासकीय व्यवस्था और नौकरशाही में एक बड़ा वर्ग था जो कह रहा था कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाने से विवाद हो सकता है। मैंने कहा, अगर विवाद खड़ा होता है तो होने दीजिए, हमें अयोध्या के बारे में कुछ सोचना चाहिए।";
cm yogi adityanath (Photo: Social Media)
CM Yogi News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर में राम लला के दर्शन किए और हनुमानगढ़ी में पूजा अर्चना की। इसके बाद वे 'Timeless Ayodhya: Ayodhya Literature Festival' कार्यक्रम में भी शामिल हुए। अपने संबोधन में सीएम योगी ने अयोध्या और राम मंदिर से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात साझा की, जो अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है।
सीएम योगी ने कहा, "2017 में जब हमने अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया, तब हमारे मन में यह एकमात्र विचार था कि अयोध्या को उसकी असली पहचान मिलनी चाहिए और उसे वह सम्मान मिलना चाहिए, जिसके वह हकदार हैं।"
बता दें, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में अपने राजनीतिक भविष्य पर बात करते हुए कहा था कि मैं कोई वारिस नहीं, बस एक योगी हूं। उन्होंने गोरखपुर लौटने की इच्छा जताते हुए अपने "योगी धर्म" को आगे बढ़ाने की बात कही थी।
सत्ता भी गंवानी पड़े तो...
सीएम ने आगे कहा, "जब अयोध्या जाने का विचार पहली बार सामने आया, तो यह एक आंतरिक संघर्ष था। मेरी तीन पीढ़ियां श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित थीं, और मुझे इससे कोई समस्या नहीं थी। लेकिन नौकरशाही में कुछ लोग ऐसे थे, जो मानते थे कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाना विवाद पैदा कर सकता है। मैंने कहा, 'अगर विवाद होता है, तो होने दीजिए, लेकिन अयोध्या के बारे में सोचने की जरूरत तो है।'"
उन्होंने यह भी कहा, "कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अगर आप अयोध्या जाएंगे, तो राम मंदिर का मुद्दा फिर से उठेगा। मैंने जवाब दिया, 'क्या हम सत्ता के लिए आए हैं? अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ी, तो भी कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।'" सीएम योगी ने बताया, "मैंने अपने सलाहकार अवनीश अवस्थी से कहा कि वह अयोध्या जाकर दीपोत्सव का आयोजन कैसे किया जा सकता है, इसका अध्ययन करें। उन्होंने यहां आकर सर्वे किया और कहा कि दीपोत्सव का आयोजन निश्चित रूप से होना चाहिए। मैंने सवाल किया, 'अगर हम दीपोत्सव करेंगे, तो क्या राम मंदिर का मुद्दा फिर उठेगा?' उन्होंने कहा कि हम सभी से बात करेंगे और सभी का सकारात्मक दृष्टिकोण होगा।"आज, अयोध्या का दीपोत्सव न केवल दीपावली के एक दिन पहले एक धार्मिक आयोजन बन चुका है, बल्कि यह अयोध्या का एक सांस्कृतिक और सामाजिक पर्व भी बन गया है, जिसे हर वर्ग ने अपनाया है।
CM ने गोरखपुर लौटने की जताई थी इच्छा
इस महीने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर खुलकर बात की थी। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बीजेपी के राजनीतिक वारिस के रूप में खुद को देखते हैं, तो मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि वह किसी वारिस से अधिक भारत माता के सेवक हैं और अपना कार्य उसी भूमिका में करना चाहते हैं। इस दौरान, उन्होंने गोरखपुर जाने की इच्छा भी जताई, और कहा कि अगर मौका मिला तो वह अपनी "योगी धर्म" को आगे बढ़ाने के लिए गोरखपुर लौटना चाहेंगे।