सावधान: प्रदूषण फैलाने वालों की खैर नहीं, लगा 50 हजार रूपये का झटका
बोर्ड ने अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कचहरी और अर्दली बाजार बाद में सड़क के किनारे संस्थान द्वारा खुदाई की गई थी लेकिन धूल व अन्य ठोस प्रदूषण पर नियंत्रण रखने संबंधी मानकों को पूरा नहीं किया गया, जिससे क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर तक पहुंच चुका है।
वाराणसी: प्रदूषण फैलाने वालों पर प्रदेश सरकार का शिकंजा कसने लगा है। दीपावली पर पहले पटाखे पर रोक लगाई गई और अब उन कार्यदायी संस्थाओं और विभागों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जो निर्माण कार्यों के दौरान प्रदूषण फैला रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड वाराणसी ने पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड के आईपीडीएस को प्रदूषण फैलाने का दोषी पाया है। इसे लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई। बोर्ड ने एनजीटी के फैसलों को आधार बनाते हुए कड़ी फटकार के साथ 50 हजार का जुर्माना लगाया और अकाउंट नंबर देकर तत्काल राशि जमा करने को भी कहा है।
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विभाग को दिया गया नोटिस
बोर्ड ने अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी करते हुए कहा कि कचहरी और अर्दली बाजार बाद में सड़क के किनारे संस्थान द्वारा खुदाई की गई थी लेकिन धूल व अन्य ठोस प्रदूषण पर नियंत्रण रखने संबंधी मानकों को पूरा नहीं किया गया, जिससे क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर तक पहुंच चुका है। खुदाई वाले स्थल पर ना तो पानी का छिड़काव किया गया और ना ही कच्चे माल को तीरपाल और ग्रीन शेड से ढका गया। बोर्ड ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के नियमों के कड़ाई से पालन के लिए वाराणसी मंडल के आयुक्त ने 1 नवंबर को बैठक भी की थी, इसमें कहा गया था कि यदि कोई कार्यदाई संस्था न्याय बिल्डर निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का पालन नहीं कराता है तो उससे 50 हजार की क्षतिपूर्ति वसूली जाएगी।
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बनारस की आबो हवा हुई है ख़राब
प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने कहा कि बनारस की हवा बहुत खराब स्तर तक पहुंच चुकी है। जिसकी वजह से शहरी और आसपास के क्षेत्रों में तेजी से चल रहे निर्माण कार्य जिम्मेदार हैं। प्रदेश के 16 सबसे प्रदूषित शहरों में वाराणसी भी है। यहां पर 12 हॉटस्पॉट जोन बनाए गए हैं जहां पार्किंग बेहतर ना हो वहां पर वाहनों का आवागमन बाधित रहेगा। माना जा रहा है कि धनतेरस पर शहर की सड़कों पर काफी जाम की स्थिति बनी रही जिसके चलते प्रदूषण का यह आंकड़ा 160 पीएम के स्तर पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट- आशुतोष सिंह
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