जालौन: श्मशान घाट में लावारिस पड़ीं अस्थियां अपनों का कर रहीं इंतजार
कोरोना काल में सैकड़ों मृतकों की अस्थियों को कोई विसर्जित करने नहीं आ रहा है। नगरपालिका की मदद से मोक्षधाम के कर्मचारी कर रहे विसर्जन।
जालौनः कोरोना काल के दौरान मोक्षधाम में लाशों को दाह संस्कार के बाद अस्थि विसर्जन करने वाला कोई नहीं रह गया है। जब 4 से 5 दिन बाद अस्थियों को कोई लेने नहीं आता तो वहां की देखरेख में लगे कर्मचारी ही चिता की राख को एकत्रित कर किनारे लगा देते हैं। शायद कोई अपनो की चाहत में भुला भटका आ न जाएं।
बता दें कि कोरोना काल में बीते एक माह में जिले में मरने की वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं आकस्मिक मृत्यु दर भी बढ़ गया है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जिंदगी गवा दी है तो वहीं ऐसे में मृतकों के परिजनों ने भी उन से मुंह मोड़ लिया है। करीब एक सैकड़ा मृत लोगों की अस्थियां कलशो को विसर्जन का इंतजार है लेकिन महामारी के दौरान परिजन उनके अस्थियां को विसर्जित करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसे में उनके अपनों ने ही मुंह मोड़ रखा है।
बीते 1 माह में कोरोना का कहर लोगों पर आफत बनकर टूटा है और शहर में रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं। इसमें से कुछ मौतें कोरोना के कारण हुई तो कुछ दूसरी बीमारी से हुई है। बड़ी संख्या में लोगों के मृत होने की वजह से शहर के झांसी रोड स्थित मोक्षधाम में रोजाना दाह संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या काफी अधिक रही। जैसे तैसे उनका अंतिम संस्कार तो हो गया पर अभी भी एक सैकड़ा के आसपास मृतकों की अस्थियां व फूल अस्थियां क्लास में रखे हुए हैं और उनको ले जाने के लिए कोई नहीं आ रहा है।
वहीं मोक्ष धाम के कर्मचारी कमलेश कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए कोई परिजन अस्थियां लेने नहीं आ रहा है तो वहीं मोक्ष धाम के कर्मचारी, नगर पालिका की मदद से अस्थियों को गंगा, यमुना व अन्य सुविधाजनक स्थानों पर विसर्जित कर देते हैं।