ऐतिहासिक यूपी विधानसभा का 36 घंटे का सफर देर रात रुका, गरजे CM 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पिछले ढाई वर्षों में राज्य सरकार ने कई कार्य किए। निर्यात को बढ़ाने की कार्यवाही हुई। प्रदेश तेजी से सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ा है।

Update:2023-07-07 18:01 IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार देर रात विधान मण्डल के विशेष सत्र के तहत समवेत सदन में समापन सम्बोधन के दौरान कहा कि पिछले 36 घण्टों के दौरान सतत् विकास के लक्ष्यों से सम्बन्धित ज्वलन्त मुद्दों पर अनवरत चर्चा हुई।

यह देश के लोकतंत्र की अद्भुत घटना है:CM

यह देश के लोकतंत्र की अद्भुत घटना है, जिसमें सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। इस विशेष सत्र में दोनों सदनों में सदस्यों ने अपने सम्बन्धित विषयों पर इनोवेटिव विचार रखे। विधान सभा में 149 और विधान परिषद में 67 सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे।

लोकतंत्र संवाद से चलता है: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जनप्रतिनिधियों के सामने समाज में विश्वास का संकट है, ऐसे वातावरण में 36 घण्टे तक सतत् विकास के लक्ष्यों पर अनवरत चर्चा करना एक अद्भुत घटना है, जिसे मीडिया ने भी हाथों-हाथ लिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र संवाद से चलता है। इसे बाधित करने पर अराजकता की स्थिति बनती है। शासन की विभिन्न शैलियों में लोकतंत्र सबसे लोकप्रिय और स्वीकार्य है।

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उन्होंने कहा कि इस चर्चा के दौरान दोनों सदनों में सदस्यों द्वारा खुलकर बातें रखी गईं और इससे लोकतंत्र मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि इन विचारों को संकलित कर इनका दस्तावेज बनाया जाए, ताकि लोगों को इसके माध्यम से सतत् विकास के लक्ष्यों पर सदन के अन्दर की गई चर्चा की जानकारी मिल सके।

लोकतंत्र में यदि समस्याएं हैं तो उनका कारण और निवारण दोनों मौजूद हैं:CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध का कथन है कि दुनिया में दुःख है तो उसका कारण भी है और निवारण भी। इसी प्रकार लोकतंत्र में यदि समस्याएं हैं तो उन समस्याओं का कारण और निवारण दोनों मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक समाज का कोई भी तबका कमजोर है, तब तक सम्पूर्ण विकास सम्भव नहीं है।

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कमजोर को उठाने, बदहाल को खुशहाल बनाने, अशिक्षित को शिक्षित करने तथा साधनहीन को संसाधनयुक्त करने की दिशा में सतत् विकास लक्ष्य एक बेहतर उद्देश्य है। इस कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए एजेण्डा-2030 एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसे वर्ष 2016 में विश्व ने अंगीकृत किया है। देश में इसे लागू करना केवल भारत सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि राज्यों की सरकारों की एवं अन्य संस्थाओं की भी जिम्मेदारी है।

पिछले ढाई साल में सरकारी राजस्व संग्रह को बढ़ाया गया:CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती पर सतत् विकास लक्ष्य पर राज्य विधान मण्डल में चर्चा की शुरुआत की गई। बापू ने भावी पीढ़ी की चिंता करने की बात की थी, जिसे हम देख नहीं पाएंगे। भावी पीढ़ी को हम क्या देंगे, यह काफी हद तक जनप्रतिनिधियों पर निर्भर करेगा। इस दृष्टि से भी सतत् विकास लक्ष्य महत्वपूर्ण है। भारत में सतत् विकास लक्ष्य की भावना आदिकाल से रही है। भारतीय मनीषा में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की बात कही गई है। इसके अलावा, प्रकृति के साथ तालमेल तथा प्रत्येक वस्तु के साथ संतुलन पर भी बल दिया। इस दृष्टि के साथ हमने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत् विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सर्वाधिक संसाधन जुटाने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए कार्यवाही की जा रही है। संसाधन जुटाने के लिए राजस्व वृद्धि को प्राथमिकता दी गई है। पिछले ढाई साल में सरकारी राजस्व संग्रह को बढ़ाया गया है। इस वृद्धि दर को आगे जारी रखने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। विभिन्न योजनाओं के लिए भारत सरकार से अनुदान एवं सहायता समय से प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं।

प्रदेश तेजी से सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ा:CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पिछले ढाई वर्षों में राज्य सरकार ने कई कार्य किए। निर्यात को बढ़ाने की कार्यवाही हुई। प्रदेश तेजी से सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यदि गरीबी होगी, तो बीमारी भी होगी। गरीबी रेखा से ऊपर उठने पर स्वास्थ्य बेहतर होगा। यदि एक लक्ष्य हासिल होता है, तो दूसरा लक्ष्य भी उसके साथ बेहतर होगा। हमें इन सभी लक्ष्यों को एक-दूसरे से जोड़ते हुए आगे बढ़ने की दिशा में कार्यवाही करना है। अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कार्य करने की योजनाएं बनी हैं। इसके बेहतर परिणाम आएंगे। सतत् विकास की कार्यवाही को निरन्तर आगे बढ़ाया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरा देश उत्तर प्रदेश की ओर देख रहा है। उत्तर प्रदेश में देश का हर छठवां व्यक्ति निवास करता है। उत्तर प्रदेश के अन्दर सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के परिणाम दिखाई देंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए ठोस कार्य योजना बनाई है। सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 16 समितियों का गठन किया गया है।

सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में UP तेजी से कार्यवाही कर रहा:CM

वर्ष 2030 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वर्ष 2022, 2024 और 2025 तक के लक्ष्यों को अलग-अलग तय किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में उत्तर प्रदेश तेजी से कार्यवाही कर रहा है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में निरन्तर अनुश्रवण व समीक्षा करते हुए तेजी से कार्यवाही करेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी समितियां अपने-अपने गोल्स से जुड़े हुए (लिंक) सभी सम्बन्धित विभागों के साथ आवश्यकतानुसार समन्वय स्थापित करते हुए गोल्स के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रत्येक माह अपने-अपने अध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करेंगे, जिसका कार्यवृत्त मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय व नियोजन विभाग को प्रेषित करेंगे।

सभी समितियां अपने गोल्स के अभी तक के कार्यों का मूल्यांकन करते हुए आगामी वर्षों में यथा वर्ष 2022, वर्ष 2024 एवं वर्ष 2030 की ठोस कार्ययोजना वर्षवार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों के साथ एक माह के भीतर मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित करते हुए उसकी प्रति नियोजन विभाग को भी उपलब्ध कराएंगे।

2020 से अपने एक्शन प्लान तैयार करेंगे:CM

सभी समितियां आगामी वर्षों के लिए अपने गोल्स के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ली जाने वाली सार्थक योजनाओं को चिन्ह्ति करते हुए उनके लिए आर्थिक उपाषयों/वित्तीय संसाधनों का आंकलन करते हुए वर्ष 2020 से अपने एक्शन प्लान तैयार करेंगे।

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सभी समितियां नीति आयोग द्वारा जारी एस0डी0जी0 इण्डिया इंडेक्स में रेखांकित इंडीकेटर्स के सापेक्ष प्रदेश स्तरीय इंडीकेटर्स सुधारने हेतु प्रभावी कदम उठाएगी एवं समुचित आंकड़े भारत सरकार को ससमय उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। सभी समितियां प्रदेश हेतु स्टेट इंडीकेटर फ्रेमवर्क तैयार करेंगी तथा तैयार किए गए इंडीकेटर्स को नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए डैशबोर्ड के साथ लिंक करेंगी। जिला स्तरीय इंडीकेटर्स का चिन्हांकन करते हुए इसे स्टेट इंडीकेटर्स से लिंक करते हुए नेशनल इंडीकेटर फ्रेमवर्क के साथ लिंक करेंगी।

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