UP Assembly Session 2022 : अखिलेश यादव का धरना खत्म, भाजपा सरकार पर बोला जोरदार हमला
UP Assembly Session 2022: अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा आज BJP के खिलाफ विरोध करते हुए अपने सभी सदस्यों विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों के साथ सपा कार्यालय से पैदल मार्च कर रही है।
UP Assembly Session 2022 :उत्तर प्रदेश में सोमवार (19 सितंबर) से मानसून सत्र शुरू हो रहा है। मगर, उससे पहले राज्य का मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने कानून व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में सभी विधायक और एमएलसी पार्टी दफ्तर से विधान भवन तक पैदल मार्च निकाला। दूसरी तरफ, पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर यात्रा रोक दी। जिसके इसके बाद अखिलेश यादव सड़क पर ही विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए।
आपको बता दें कि, सपा का यह पैदल मार्च जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर है। महंगाई, बेरोजगारी और लॉ एंड ऑर्डर सरीखे मुद्दों को लेकर मार्च निकाला जा रहा है। हालांकि, अखिलेश यादव का यह मार्च महज 3 किलोमीटर का होगा। लेकिन, माना जा रहा है कि इस पद यात्रा से वह अपने विरोधियों को बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगे।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक पार्टी कार्यालय से चलकर राजभवन के सामने से होते हुए जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के सामने से गुजरेंगे। फिर, वहां से विधायक हजरतगंज चौराहे (Hazratganj Crossroads) से लोक भवन के समक्ष विधान भवन के अंदर गेट नंबर एक से प्रवेश करेंगे।राष्ट्रीय लोकदल (RLD) भी अपने विधायकों के साथ प्रदर्शन करेगी।
आगे की रणनीति का होगा जल्द खुलासा
सपा सुप्रीमो ने कहा, 'अगर वह पैदल विधानसभा तक जाते इसमें क्या हर्ज हो जाता। अखिलेश ने सड़क पर ही अपने विधायकों से अपील की कि वह जनता से जुड़े मुद्दे उठाते रहे।' इस दौरान उन्होंने जिन नेताओं की क्षति हुई है उन्हें वहीं पर श्रद्धांजलि दी और वंदेमातरम गाकर अपने धरना-प्रदर्शन को समाप्त किया। उन्होंने कहा, आगे आगे की रणनीति का जल्द खुलासा किया जाएगा।
अखिलेश- आखिर सरकार क्या जताना चाहती है?
अखिलेश यादव ने कहा, कोरोना काल से बंद भर्तियां अब तक नहीं पूरी की गई। सपा प्रमुख ने आगे कहा, कि 'किसान बर्बाद हो रहे हैं. उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। इन तमाम मुद्दों को लेकर हमारे विधायक पहले धरना प्रदर्शन करना चाह रहे थे। उन्हें रोका गया आज जब हम सत्र में पैदल चल कर जाना चाह रहे थे तो हम सब को भी रोक दिया गया। आखिर यह सरकार इतना क्यों डरी हुई है। क्यों उन्हें मार्च करने नहीं दिया गया। उन्होंने जो रूट निर्धारित किया था उस पर पुलिस और बैरिकेडिंग लगा दी गई। आखिर यह सरकार क्या जताना चाहती है?'
अग्निवीर से बेरोजगारी तक, सब पर हल्ला बोल
अखिलेश ने कहा, 'भ्रष्टाचार चरम पर है। डबल इंजन की सरकार अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है। उन्होंने कहा, पिछड़े, दलित, गरीबों के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है. उनके आरक्षण से खिलवाड़ हो रहा है। यह सरकार जातीय जनगणना क्यों नहीं कराती? सारे विभागों को बेचा जा रहा है। अग्निवीर के जरिए युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।'
अखिलेश- डबल इंजन की सरकार पूरी तरह फेल
अखिलेश यादव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। पहले 5 साल और फिर दूसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की सरकार गरीबों के लिए कोई भी कार्य नहीं कर रही। अपने वादों से वह मुकर गई है। जानवरों की मौत हो रही है। सरकार आखिर क्या कर रही है। महंगाई इतनी ज्यादा कभी नहीं रही। आम जनता इस महंगाई में पिस रही है। कानून-व्यवस्था का इससे बुरा हाल कभी नहीं रहा। पूरा प्रदेश जंगलराज में तब्दील हो गया है। आए दिन महिला अपराध हो रहे हैं। सरकार कानून व्यवस्था अच्छी होने की दुहाई देती है।
अखिलेश यादव का धरना खत्म, पार्टी विधायकों के साथ कार्यालय पहुंचे
यूपी विधानमण्डल के मानसून सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को मार्च करने से पुलिस ने रोक दिया। वह अपने कार्यालय से जैसे आगे बढे थोड़ी दूर पर ही उन्हें रोक दिया गया। पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग और जाली लगाकर पूरे समाजवादी कुनबे को रोक दिया। जिससे नाराज अखिलेश यादव विधायकों और एमएलसी, पूर्व विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए। उसके बाद मीडिया से रूबरू होते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला।
अखिलेश यादव अपने विधायकों के साथ
इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी
दरअसल इस पैदल मार्च के पीछे अखिलेश यादव सरकार को सदन की कार्यवाही से पहले पूरी तरह से घेरना चाहते हैं। वह कानून व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, महिला अपराध, किसानों के मुद्दे को उठाकर अखिलेश यादव जनता के बीच यह संदेश देना चाहते हैं कि वह उनके लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इसीलिए आज उन्होंने सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले पैदल मार्च के जरिए शक्ति प्रदर्शन राजधानी लखनऊ में करने जा रहे हैं।
PAC, RAF तैनात
वहीं, पुलिस, पीएसी के साथ आरएएफ को तैनात कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन उन्हें पूरी तरह से रोकने का प्रयास करेगी. ऐसे में दोनों के बीच तीखी नोक झोंक भी होने की उम्मीद है। फिलहाल एहतियात के तौर पर सपा कार्यालय से लेकर विधानसभा तक छावनी में तब्दील हो गया है। बैरिकेडिंग के जरिये नेताओं को रोकने की पूरी तैयारी है।
अखिलेश करेंगे पैदल मार्च
लखनऊ पुलिस, प्रशासन समाजवादी पार्टी के विधायकों को रोकने के लिए उनके कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग लगा दी है। हालांकि, अभी एक तरफ के रास्ते को खुला रखा गया है। अखिलेश यादव जल्द हो अपने कार्यालय पर पहुंचेंगे, हालांकि विधायकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। सभी विधायक पार्टी कार्यालय में मौजूद हैं। अखिलेश यादव के पहुंचते ही उनकी अगुवाई में पैदल मार्च की शुरुआत होगी। देखना होगा कि जिला प्रशासन अखिलेश को पैदल मार्च की अनुमति देता है या उन्हें रोकने की कोशिश होती है। क्योंकि समाजवादी पार्टी के मुखिया खुद इसकी अगुवाई कर रहे हैं लिहाजा वह हर हाल में पैदल मार्च करेंगे।
बैरिकेडिंग लगी, पुलिस तैनात
उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से आज से हो रही है। लेकिन, उससे पहले राजधानी लखनऊ में सियासत पूरी तरह से गरमा गई है। दरअसल, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय से विधानसभा तक पैदल मार्च का ऐलान किया है। उनके साथ उनके सभी विधायक और एमएलसी मौजूद रहेंगे। अखिलेश के पैदल मार्च को देखते हुए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी सपा कार्यालय के आसपास जुटने लगे हैं। वहीं, सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सपा कार्यालय से लेकर विधानसभा तक भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। बैरिकेडिंग लगा दी गई है।