UP विधानसभा सत्र: सदन में इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को विपक्षी दलों ने सरकार को कानून-व्यवस्था, अनियंत्रित कोरोना संक्रमण तथा महिला उत्पीड़न के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बनायी है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को विपक्षी दलों ने सरकार को कानून-व्यवस्था, अनियंत्रित कोरोना संक्रमण तथा महिला उत्पीड़न के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बनायी है। इसके लिए जहां बसपा सुप्रीमों मायावती ने टवी्ट कर सत्ता और विपक्ष के सभी विधायकों से दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर जनहित के मुद्दों को उठाने की अपील की है तो वहीं कांग्रेस कानून व्यवस्था और कोरोना संक्रमण नियंत्रित करने में सरकार की असफलता का मुद्दा उठायेगी।
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मायावती ने टवी्ट में लिखी ये बात
बसपा सुप्रीमों मायावती ने शुक्रवार सुबह टवी्ट कर लिखा कि उत्तर प्रदेश में सत्ता व विपक्ष के विधायकों से मेरी पुरजोर अपील है कि वे विधानसभा के चल रहे वर्तमान सत्र में दलगत राजनीति से उपर उठकर जनहित के विशेष मुद्दों को जरूर प्रभावी ढंग से सदन में उठाकर शासन व प्रशासन को जिम्मेदार व जवाबदेह बनायें। व्यापक जनहित की यही मांग है।
अगले टवी्ट में मायावती ने लिखा कि वैसे तो विकास का मुद्दा सरकार के एजेण्डे से काफी हद तक गायब है, किन्तु महिला उत्पीड़न तथा दलितों, मुस्लिमों व ब्राह्मण समाज आदि की द्वेष की भावना से हो रही हत्यायें व अन्य अत्याचार आदि की अर्थात यूपी में बिगड़ी कानून-व्यवस्था को लेकर आवाज जरूर उठायें, समय की यह मांग है।
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इधर, कांग्रेस के विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने बताया कि विशुक्रवार को सदन में कानून व्यवस्था और कोरोना संक्रमण नियंत्रित करने में सरकार की असफलता का मुद्दा उठाया जाएगा। आराधना मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर दिन जघन्य वारदात हो रही हैं। पुलिस पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए कार्रवाई नहीं कर रही। सरकार भी मौन साधे बैठी है। इसी तरह कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए तमाम दावे किए, जबकि हकीकत यह है कि किसी जिले में, किसी अस्पताल में इलाज की व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हैं। मरीज जांच और इलाज के लिए भटक रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में लगातार संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
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