UP News: अमावस्या की रात होते हैं अधिक अपराध...डीजीपी ने जारी किया ये निर्देश

UP News: प्रदेश में अपराध की रोकथाम के लिए डीजीपी ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार हिन्दू कैलेन्डर के अमावस्या के एक सप्ताह पूर्व और एक सप्ताह बाद तक अधिक अपराध होते हैं। इसके लिए उन्होंने पुलिस को निर्देश जारी किया है कि इस दौरान जितने भी अपराध घटित हुए हैं, उनका विश्लेषण कर हॉट स्पॉट चिन्हित करें।

Update: 2023-08-20 15:36 GMT
UP DGP Vijay Kumar (Photo-Social Media)

UP News: उत्तर प्रदेश के डीजीपी विजय कुमार ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए रात्री में पुलिस को गश्त जारी रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ हिंदू पंचांग की कॉपी भी सभी अफसरों को भेजी है। जारी किए गए आदेश में साफ लिखा गया है कि हिंदू पंचांग के अंधेरे पक्ष यानी कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के 1 सप्ताह पूर्व और 1 सप्ताह बाद रात के समय अधिक घटनाएं होती हैं।

अपराधी की प्रभावी करना पुलिस सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक बेहद ही महत्वपूर्ण कार्य है। पुलिसिंग के के माध्यम से पूरे प्रदेश में सुरक्षा का माहौल पैदा किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि रात्री गश्त अनिवार्य रूप से किया जाए। इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना प्रबल होती है।

पत्र में आगे लिखा है कि सामान्य तौर पर अपराधी रात में सक्रिय होते हैं। हत्या, लूट, चोरी तथा महिलाओं के साथ अपराध आदि घटनाएं इसी समय होती है। इसका आम जनता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए रात्री गश्त एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

जारी दिशा-निर्देश

  • प्रदेश के सभी जनपदों एवं कमिश्नरेट में घटित घटनाओं का मुख्यालय स्तर पर विश्लेषण करने पर पाया गया कि हिन्दू पंचाग के कृष्ण पक्ष (अंधेरे में) के एक सप्ताह पूर्व और एक सप्ताह बाद रात्री के समय घटनाएं अधिक होती हैं। पुलिस अधिकारियों द्वार इन आंकड़ो का विश्लेषण प्रत्येक माह किया जाए।
  • हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रत्येक माह अमावश्याक की तिथि को चिन्हित किया जाए। इसके लिए हिन्दू पंचाग भी दिया गया है।
  • अमावस्या से एक सप्ताह पूर्व और एक सप्ताह पश्चात् रात्रि में हुए अपराध की घटनाओं का CCTNS एवं डायल-112 से घटना के संबंध में प्राप्त सूचनाओं का मिलान / क्राइम मैपिंग करा लिया जाए तथा इसी के अनुसार यरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपद पुलिस आयुक्त द्वारा अपने-अपने जनपदों में हॉट स्पाट चिन्हित कर कार्ययोजना तैयार करें।
  • इसी प्रकार प्रदेश के सभी थानों में थाना प्रभारी द्वारा अपने-अपने थानाक्षेत्रों में इन मैपिंग के माध्यम से हॉट स्पॉट चिन्हित कर कार्ययोजना तैयार करें।

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