UP Election 2022: यूपी के रण में उतरीं जयंत चौधरी की पत्नी चारू, जनता से चरण सिंह की विरासत संभालने के लिए मांगा समर्थन

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी प्रचार करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी की पत्नी चारु चौधरी ने गाजियाबाद में भारतीय जनता पार्टी पर हमला किया।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Krishna
Update: 2022-02-08 14:22 GMT

चारू चौधरी (फाइल तस्वीर)

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार का आज आखिरी दिन है। पहले चरण की लड़ाई का अखारा बने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आज तमाम सियासी दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में पसीना बहाया। अमूमन सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाली आरएलडी सुप्रीमो जयंत चौधरी (Jayant Choudhary) की पत्नी चारू चौधरी (Charu Chowdhary) भी मंगलवार को चुनावी अखाड़े में नजर आईं। चारू प्रचार के आखिरी दिन गाजियाबाद में रालोद (RLD) के लिए वोट मांगती दिखीं।

विरासत को संभालने के लिए मांगा समर्थन

चारू चौधरी ने गाजियाबाद की मोदीनगर विधानसभा में चुनाव प्रचार करते हुए राष्ट्रीय लोक दल के लिए समर्थन मांगा। मोदीनगर से रालोद उम्मीदवार सुरेश शर्मा (Suresh Sharma) को जीताने की उन्होंने अपील की। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) का जिक्र करते हुए कहा कि मैं घर संभाल रही हूं, जयंत जी पार्टी संभाल रहे हैं, मुझे आशा है कि आप उनकी विरासत संभालेंगे।

बीजेपी पर साधा निशाना

रैली में चारू चौधरी ने सत्ताधारी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आपने बीजेपी को भारी मतों से जीतवाया मगर आपके दुःख में इनमे से कोई आगे आया? गंगा में तैरती हुई लाशों को सबने देखा। अंत में काम अपने लोग ही आए। अंत में काम राष्ट्रीय लोक दल औऱ जयंत चौधरी ही आए। इसलिए मैं आपके माध्यम से पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को संदेश देना चाहती हूं कि अब आपको फैसला लेना है। आपने जयंत चौधरी के साहस, जोश औऱ कर्मठता का अनुभव किया है। अब समय आ गया है हम सब मिलकर इस हवा को सुधारें औऱ इस मिजाज को बदलें।

बतातें चलें कि चारू चौधरी इससे पहले 2012 में चुनाव प्रचार करते हुए सामने आईं थी। उस समय जयंत चौधरी मथूरा से सांसद हुआ करते थे औऱ वो मथुरा से विधानसभा का चुनाव भी लड़े थे। जिसमे उन्हें जीत भी हासिल हुई। हालांकि उस दौरान रालोद का यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन था। जो बुरी तरह विफल रहा। उस चुनाव में सपा की विराट जीत के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पहली बार मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे थे।

वहीं इस बार लगातर तीन चुनाव हार चुके आरएलडी सुप्रीमो जयंत चौधरी पर अपने दादा की विरासत को आगे बढाने की चुनौती होगा। जयंत इस बार सपा के साथ गठ़जोड़ कर चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में क्या जयंत इस गठजोड़ की बदौलत वेस्ट यूपी में अपनी खोयी जमीन वापस पाते हैं, इसका जवाब आने वाले 10 मार्च को मिलेगा। 

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