UP Election 2022: UP की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी शिवसेना, जानें किसी पार्टी को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है वैसे वैसे ही राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ती जा रही है।

Newstrack :  Network
Written By :  Divyanshu Rao
Update:2021-09-12 13:41 IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है वैसे वैसे ही राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा 2022 अगले साल के शुरूआती महीनों में होने हैं। जिसको लेकर सभी पार्टियों ने अपनी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अबकी बार पहले विधानसभा चुनाव की तरह नहीं होगा। इस बार हैदराबाद से लेकर महाराष्ट्र और बिहार के राजनैतिक दल उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव 2022 में लड़ेगें।

वहीं असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) ने पहले ही भागीदारी संकल्प मोर्चा के संग चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। एआईएमआईएम चीफ के मुताबिक उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही हैं। उसी कड़ी में अब महाराष्ट्र (Maharashtra) की सत्ता दल की पार्टी शिवसेना (Shivsena) ने भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में कदम रखने का फैसला किया है। शिवसेना ने बीते दिन एलान किया कि वह यूपी के विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

शिवसेना सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही शिवसेना ने घोषणा कि वह उत्तर प्रदेश में पूरे दम खम के साथ चुनाव लड़ने जा रही है। और यही नहीं शिवसेना ने यह भी एलान कर दिया है वह उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर उत्तर प्रदेश में शिवसेना सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ती है तो इसका सीधा नुकसान प्रदेश की सत्ता दल पार्टी बीजेपी को हो सकता है।

गठबधंन को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं

वहीं शिवसेना ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान तो कर दिया है। लेकिन शिवसेना ने यह अभी नहीं साफ किया है कि वह आगामी चुनाव में किसी दल से साथ गठबधंन करेगी या अकेल चुनावी मैदान में लोहा लेगी। हालांकि पार्टी ने यह भी नहीं कहा है कि वह बिना किसी के साथ गठबधंन किए चुनाव लड़ेगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में शिवसेना किसी भी पार्टी के साथ गठबधंन करके चुनाव लड़ सकती है

शिवसेना ने प्रेस नोट जारी कर बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

शिवसेना में 10 सितंबर को प्रेस नोट जारी कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था को सही ढंग से स्थापित करने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। प्रदेश में जंगल राज है। बहन-बेटियों की असमत लूटी जा रही है। इसके साथ ही शिवसेना ने ब्राह्मण वोटों को ध्यान में रखते हुए प्रेस नोट में कहा कि बीजेपी सरकार ब्राह्माणों के साथ अव्यवहार कर रही है। प्रदेश में चिकित्सा, शिक्षा, की स्थिति बेहाल है। शिवसेना ने अपने बयान में आगे कहा कि हम प्रदेश की आवाज बनकर जनता के बीच जाएंगे और सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर बीजेपी को सबक सीखाएंगे।

शिवसेना के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने पर मुख्य पार्टियों के वाटों पर पड़ेगा असर

शिवसेना के बयान के अनुसार राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर शिवसेना सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो उत्तर प्रदेश की मुख्य पार्टियों के वोटों पर गहरा असर पड़ेगा। वहीं ओवैसी की पार्टी का यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ना उसके साथ शिवसेना का भी प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने से बीजेपी के साथ साथ मुख्य विपक्षी पार्टियों को इसका नुकसान देखने को मिल सकता है।

हालांकि ओवैसी के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने के एलान के बाद राजनैतिक विश्लेषकों का कहना था कि ओवैसी के यूपी में चुनाव लड़ने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन अब शिवसेना और एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने के एलान के बाद निश्चित तौर पर ये कहा जा सकता है उत्तर प्रदेश की मुख्य पार्टियों के वोटों में बिखराव होगा। अब ये भी कहा जा सकता है उत्तर प्रदेश का अगामी विधासभा चुनाव काफी दिलचस्प हो सकता है।    

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