यूपी में नाजुक हालात: बाढ़ का खतरा बढ़ा, ये इलाके सुरक्षित

किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।

Update:2020-08-28 22:17 IST
राज्य सरकार की तरफ से 703 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ एवं अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिए  बचाव व राहत प्रबन्धन दिशा निर्देश जारी । 

लखनऊ: राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में इस समय नदियों के सभी तटबंध सुरक्षित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), राप्ती नदी राप्ती बैराज (श्रावस्ती), सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।

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निरन्तर अनुश्रवण का कार्य

बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 12 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 17 टीमें इस प्रकार कुल 29 टीमें तैनाती की गयी है। सरकार की तरफ से 703 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ एवं अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिए बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।

राहत आयुक्त संजय गोयल ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आज यहां लोक भवन में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोण्डा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की तथा देवीपाटन मण्डल के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित जनता को हर सम्भव मदद पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा के दौरान यह भी निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में बंधों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पेट्रोलिंग की जाय।

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फाइल

 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों के निर्देश दिए कि मैरूण्ड गांव के लिए आवागमन के लिए पर्याप्त नावों की व्यवस्था, राहत किट का वितरण, चिकित्सा दलों का प्रभावित गांवों में दौरा सुनिश्चित करें तथा पशुओं के लिए चारा व कैम्प की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने बताया कि स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त क्लोरीन टेबलेट का वितरण प्रभावित क्षेत्रों में किया जाय।

बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट

गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 18 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर तथा सीतापुर) के 830 गांवों बाढ़ से प्रभावित है।

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शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), राप्ती नदी राप्ती बैराज (श्रावस्ती), सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 482 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,04,034 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,591 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।

 

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