UP News: डीफार्मा व बीफार्मा कॉलेजों की संबद्धता-एनओसी पर योगी सरकार सख्त, जांच के दिए आदेश
UP News: हरदोई जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने जिले में पिछले साल के अंदर खुले 29 बीफार्मा और डीफार्मा कॉलेजों की संबद्धता और एनओसी की जांच के लिए टीम गठित कर दी है और इसकी जांच पड़ताल भी शुरू करा दी है।
UP News: यूपी की योगी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है। इसी नीति को देखते सरकार अब प्रदेश के बीफार्मा और डीफार्मा कॉलेजों के संबद्धता और एनओसी की जांच फैसला किया है। इन कॉलेजों की संबद्धता और एनओसी की जांच बीते 1 सालों के अंदर खुले कॉलेजों की होगी। सरकार ने इसके लिए जिलों में अलग-अलग जांच कमेटी भी गठित कर दी है। सरकार के इस फैसले को देखते हुए हरदोई जिले के बीफार्मा और डीफार्मा कॉलेजों की जांज भी शुरु हो गई है।
जिलाधिकारी ने गठित की जांच कमेटी
हरदोई जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने जिले में पिछले साल के अंदर खुले 29 बीफार्मा और डीफार्मा कॉलेजों की संबद्धता और एनओसी की जांच के लिए टीम गठित कर दी है और इसकी जांच पड़ताल भी शुरू करा दी है। इन कॉलेजों की संबद्धता और एनओसी की जांच जिले में पांच टीमें बनाई गई हैं। ये सभी टीमें तहसीलदार की अगुवाई में जांच पड़ताल करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, जिले के 29 कॉलेजों में से कुछ की टीम ने जांच पड़ताल शुरु कर दी है। इतना ही नहीं, कुछ कॉलेजों की जांच भी हो गई है। हालांकि जिन कॉलेजों के संबद्धता और एनओसी की जांच पूरी हो गई है, उसकी रिपोर्ट अभी जिलाधिकारी को नहीं सौंपी गई है। वहीं, सरकार के इस फैसले से जिले के कॉलेज संचालकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है।
कमेटी गठन कर होगी जांच
दरअसल, यूपी सरकार ने प्रदेश भर में पिछले एक साल में स्थापित होने वाले बीफार्मा और डीफार्मा संस्थानों की संबद्धता व अनापत्ति दस्तावेजों की जांच कराने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के लिए अलग-अलग जांच कमेटियों का गठन किये जाने का आदेश जारी हुआ है। अपर मुख्य सचिव के द्वारा डीएम को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन सबकी जांच करवा अपनी रिपोर्ट के साथ जांच रिपोर्ट शासन में भेजी जाए।
मानकों को किया गया नजरअंदाज
सूत्रों की अगर माने तो उच्च स्तर पर फार्मेसी संस्थानों की संबद्धता व एनओसी दिए जाने में मानकों को नजरअंदाज किये जाने की शिकायत मिली थी। इसलिए शासन ने एनओसी का सत्यापन कराने का फैसला लिया है। इसी आदेश के क्रम में डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने पांच जांच समिति बनाकर जांच पड़ताल शुरू कराई है
जानें जिले का कौन अधिकारी कहां करेगा जांच
हरदोई जिले में पांच तहसील हैं। सदर तहसील में पिछले 1 साल में 5 बीफार्मा और डीफार्मा कालेजों को मान्यता मिली है। इन कॉलेजों की जांच की जिम्मेदारी संडीला के तहसीलदार राजीव यादव, राजकीय बालिका इंटर कालेज संडीला की प्रधानाचार्या अंजू सिंह और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजवीर सिंह को नामित किया गया है। बिलग्राम तहसील के 14 कॉलेजों की जांच की जिम्मेदारी तहसीलदार सवायजपुर डॉ अरुडिमा श्रीवास्तव, राजकीय इंटर कालेज प्रधानाचार्य टीआर वर्मा, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रामविलास प्रसाद को नामित किया गया है। शाहाबाद तहसील में 3 कॉलेज की जिम्मेदारी सदर तहसीलदार प्रतीत त्रिपाठी, राजकीय बालिका इंटर कालेज बिलग्राम प्रधानाचार्या ममता कनोजिया, सहायक अभियंता श्याम प्रकाश पांडेय को जिम्मेदारी दी गयी है। संडीला तहसील में 6 कॉजेलों की जांच का जिम्मा बिलग्राम के तहसीलदार विनीत कुमार सिंह, बरवन कालेज के प्रधानाचार्य रामप्रकाश भारती, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता कृष्णकांत मिश्रा को सौंपा गया है।
इसके अलावा जिले की सवायजपुर तहसील में एक कॉलेज है और इसकी जांच का जिम्मा शाहबाद के तहसीलदार नरेंद्र कुमार यादव, राजकीय बालिका इंटर कालेज टोडरपुर प्रधानाचार्या वंदना और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अनुराग मौर्या को नामित किया गया है। इन लोगों को जिला प्रशासन से आदेश में मिलते ही अपने-अपने तहसील में कॉलेजों की जांच शुरू कर दी है।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
प्रदेश में बीते साल में खुले बीफार्मा और डीफार्मा कॉलेजों के संबद्धता और एनओसी की जांच के लिए सरकार ने जिन बिंदुओं को चुना है, उसमें भौतिक अवस्थापना, भूमि, भवन, क्लास रूम, लाइब्रेरी, छात्रावास, कंप्यूटर सेंटर, म्यूजियम ऑडिटोरियम, स्टॉफ के लिए सुविधा, प्रशासनिक कक्ष, मानव संसाधन, प्रधानाचार्य, शिक्षक, अनुभव वाले शिक्षक, गैर शैक्षणिक कर्मचारी, सीटों की संख्या के मुताबिक संसाधन, शिक्षक और कर्मचारियों की उपलब्धता शामिल है।