सबसे ज्यादा आबादी के साथ भी कोरोना कंट्रोल में यूपी सबसे आगे
एक ओर जहां देश भर में कोरोना वायरस अपना प्रकोप दिखा रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस महामारी पर काफी हद तक नियंत्रित कर रखा है।
लखनऊ। एक ओर जहां देश भर में कोरोना वायरस अपना प्रकोप दिखा रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस महामारी पर काफी हद तक नियंत्रित कर रखा है। ऐसे में देश के कोरोना प्रभावित दो प्रमुख राज्यों की जनसंख्या के आधार पर अगर तुलना की जाए तो यह महामारी यूपी में काफी हद तक कंट्रोल में है। 23 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। जहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 15 अप्रैल तक 727 है।
ये भी पढ़ें...जरुरतमंदों की मदद के लिए आगे आए केन्द्रीय राज्यमंत्री, किया ये बड़ा काम
कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह तब्लीकी जमात के लोग
वहीं कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना शासित महाराष्ट्र को देखें, तो वहां की आबादी 11,26,72,972 है, जबकि यहां कोरोना संक्रमित केसों की संख्या 2801 है।
इसी तरह उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर अगर आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली को देखा जाए, तो 1.9 करोड़ की जनसंख्या वाले इस राज्य में 14 अप्रैल तक संक्रमित मरीजों की संख्या 1561 है।
अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह तब्लीकी जमात के लोग हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में बढ़ी संख्या की पीछे जमात के लोगों की बड़ी जिम्मेदारी है। कुल प्राप्त केसों में इसमें 575 मरीज तब्लीकी जमात और उसके कारण संक्रमित हुए लोगों की हैं। यह आंकड़ा 80 फीसदी है।
ये भी पढ़ें...325 जिलों में कोरोना का एक भी केस नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
योगी आदित्यनाथ के बोल्ड एवं कठोर निर्णय
एक तरफ अन्य राज्य में जहां मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। वहीं उत्तर प्रदेश में इसकी रफ्तार काफी कम है। इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बोल्ड एवं कठोर निर्णय हैं।
उन्होंने प्रदेश के कई हिस्सों में अलग-अलग तरह से बैन लगाकर इस बीमारी पर शुरुआत से ही नियंत्रण बनाने का रास्ता तैयार कर लिया था। एक तरफ योगी ने जहां प्रदेश में लॉक डाउन को सफलता पूर्वक लागू करवाने एवं गरीब कल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता 11 कमेटियों का गठन किया।
वहीं डॉक्टर्स एवं अस्पताल स्टॉफ से दुर्व्यवहार करने वाले तब्लीकी जमात से जुड़े कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई का आदेश भी दिया।
ये भी पढ़ें...बहूते पढ़ाकू ये एक्टर्स: फिर भी इसलिए चुना Bollywood को और बने सुपरस्टार्स
ब्रिटेन को भी छोड़ा पीछे
ब्रिटेन में जहां कोरोना पॉजिटिव केसों के साथ मरीजों की मौत की संख्या भी बढ़ती जा रही है, वहीं उत्तर प्रदेश ने इस पर काफी हद तक नियंत्रण कर रखा है।
आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल 93,933 स्क्वेयर मील है, वहीं ब्रिटेन का क्षेत्रफल 93,628 स्क्वेयर मील है। आबादी की बात करें तो ब्रिटेन की आबादी करीब 6.6 करोड़ है तो उत्तर प्रदेश की आबादी 23 करोड़ यानी ब्रिटेन से करीब 4 गुना अधिक है।
एक तरफ वह देश है जो पूरी तरह से विकसित है, जहां की चिकित्सा सुविधाओं से लेकर अन्य सभी सुविधाएं एक नजीर के तौर पर पेश की जाती थीं, वहीं दूसरी तरफ एक विकासशील देश भारत का एक राज्य मात्र है।
लेकिन कोरोना ने जब अपना प्रकोप दिखाना शुरू किया तो ब्रिटेन का मैनेजमेंट फेल हो गया और यूपी की योगी सरकार का मैनेजमेंट बन गया मिसाल।
ये भी पढ़ें...देश में अबतक कोरोना के कुल 12759 केस, 420 की मौत, 1515 ठीक हुए
13 प्रतिशत मरीजों की मौत
यह हम नहीं कह रहे, बल्कि आंकड़े कह रहे हैं। ब्रिटेन में अबतक 382,650 टेस्ट हो चुके हैं, जिसमें से 93,873 केस कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। यानी कुल टेस्ट में से करीब 25ः लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं देश में अब तक 12,107 लोगों की मौत हो चुकी है।
यानी कुल पॉजिटिव पाए गए मरीजों में से करीब 13 प्रतिशत मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो अब तक 16,720 संदिग्धों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। इनमें से 727 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यानी कुल टेस्ट में से अब तक सिर्फ 4.4 प्रतिशत लोग ही कोरोना पॉजिटिव निकले हैं।
वहीं सूबे में अब तक सिर्फ 8 लोगों की मौत हुई है, जो कि कुल मरीजों की संख्या का सिर्फ 1 प्रतिशत और अगर इन आंकड़ों से तबलीगी जमात के लोगों या उनके संपर्क में आए मरीजों की संख्या कम कर दी जाए तो यह प्रतिशत आधे से भी कम रह जाता है।
ये भी पढ़ें...CM योगी: टेलीमेडिसिन के माध्यम से लोगों को सुविधा उपलब्ध कराई जाए